उत्तराखंड- सिलक्यारा सुरंग का काम फिर से शुरू होने की अनिश्चितता के बीच घर जाने को लेकर दुविधा में श्रमिक !
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग से हाल में निकाले जाने के बाद 41 श्रमिक अब इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि वे वहीं रहें या अपने घरों को लौट जाएं।
केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के 17वें दिन मंगलवार रात सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था। इन श्रमिकों के परिवार के सदस्य हालांकि चाहते हैं कि वे अपने घरों को लौट आएं।
बिहार के एक मशीन संचालक ने कहा, ‘‘मैंने घर वापस जाने के लिए छुट्टी का आवेदन पत्र भर दिया है। हमें नहीं पता कि निर्माण कार्य फिर से कब शुरू होगा।’’ एक अन्य श्रमिका ने कहा कि उसकी मां चाहती है कि वह सुरंग बनाने का काम छोड़ दे। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी परिस्थितियों में काम करते हैं…यह खतरनाक है।’’
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, सुरंग के सुरक्षा ऑडिट के बाद ही निर्माण कार्य फिर से शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए पहाड़ के ऊपरी हिस्से से लगभग 45 मीटर तक ‘ड्रिल’ की गई थी और मलबा अभी भी सुरंग में पड़ा हुआ है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की निगरानी में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड ने चार साल पहले इस सुरंग का निर्माण कार्य शुरू किया था। इस परियोजना का लक्ष्य चार धाम मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग पर यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच की दूरी को 28 किलोमीटर से घटाकर 4.5 किलोमीटर करना है।
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