उत्तर प्रदेश -आगरा में ताजमहल पर गोल्डीकायरोनोमस नामक कीड़ों का हमला, सफेद ताज हुआ बदरंग !
इस साल दूसरी बार आगरा में ताजमहल पर गोल्डीकायरोनोमस नामक कीड़े ने हमला (assault)कर पत्थरों को हरा कर दिया है। पहले अप्रैल फिर अक्टूबर और अब नवंबर के आखिरी दिन इन कीड़ों के हमलों ने स्मारक का सौंदर्य ही खराब कर दिया है।
ताज अपनी खूबसूरती के लिए भले ही दुनियाभर में प्रसिद्ध हो, लेकिन गोल्डीकायरोनोमस कीड़ों ने इसको बदरंग करना शुरू कर दिया है। ऐसा कई वर्षों में यदाकदा नहीं बल्कि एक ही साल में तीन बार होने से पत्थरों पर भी इसका असर पड़ रहा है। इन कीड़ों के हरा रंग छोड़ने के कारण मुख्य मकबरे में अंदर की दीवारों की पच्चीकारी बदरंग हो चुकी है। इससे स्मारक की छवि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के सामने खराब हो रही है। ताजमहल की उत्तरी दिशा में यमुना प्रवाहित हो रही है।
एएसआई की रसायन शाखा ने जांच में यमुना की गंदगी को मुख्य वजह माना था। यमुना की गंदगी में पला और बढ़ा गोल्डीकाइरोनोमस ताजमहल की ओर आकर्षित होकर उसकी दीवारों पर बैठता है। मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर का समय कीड़े के पनपने लिए सर्वाधिक उपयुक्त होता है। यमुना की गंदगी कीड़े के लिए आदर्श है।
2020 के कोरोना काल को छोड़ दें तो प्रतिवर्ष कीड़े की गंदगी से ताजमहल बदरंग हो रहा है। पिछले दिनों स्मारक की उत्तरी दीवार और वहां पच्चीकारी पर दागों को देखा गया था। वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि रसायन शाखा द्वारा काम किया जा रहा है। पानी से धोकर साफ भी कराया जा रहा है।