भाजपा मंदिर तोड़े तो गलती से टूट गया ,मूर्ति हटा ली गयी थी,विकास करना है ! दिन भर अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को लेके झूट बोला गया सच्चाई पता चली ,आदेश देने वाले बोर्ड में बीजेपी का कब्जा !
38 में से सिर्फ एक पार्षद कांग्रेस का है. बोर्ड ने ही सर्वसम्मति से 17 अप्रैल को मंदिर तोड़ने का प्रस्ताव पारित किया
राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को बुलडोजर से तोड़े जाने को लेकर प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई है। अलवर में सराय गोल चक्कर के पास मंदिर में पहले मूर्तियों को कटर से काटा गया और फिर मंदिर को बुलडोजर से ढहा दिया गया। इससे गहलोत सरकार भाजपा के निशाने पर आ गई है। इस मामले को लेकर नगरपालिका के ईओ, एसडीएम के साथ ही राजगढ़ विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने को लेकर तहरीर दी गई है। हालांकि अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
बीजेपी के आरोप
खबर सामने के बाद बीजेपी ने मंदिर तोड़ने के आरोप में कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया. पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा बोले,
‘300 से ज्यादा वर्ष पुराने शिव मंदिर पर जिस तरह से बुलडोज़र चलाया गया है और ड्रिलिंग मशीन से शिवलिंग पर प्रहार किया गया है, ये हम सबके हृदय पर प्रहार है. राहुल जी, सोनिया जी, आप तो वही परिवार हैं जो भगवान राम पर विश्वास नहीं करते
कांग्रेस का जवाब मंदिर दोबारा बनवाएंगे
कांग्रेस की तरफ़ से जो जवाब आया, वो चौंकाने वाला था. गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने दावा करते हुए कहा,‘मंदिर तोड़ने और अतिक्रमण हटाने में कांग्रेस पार्टी का कोई रोल नहीं है. भाजपा ने ही बोर्ड की मीटिंग में अतिक्रमण हटाने और मंदिर तोड़ने का निर्णय लिया था. प्रताप सिंह ने ये भी कहा कि अगर कोई अड़चन न आई तो मंदिर दोबारा बनवाएंगे.
मंदिर हटाने का प्रस्ताव नगरपालिका का था और नगरपालिका में बहुमत, भाजपा का है ! @ashokgehlot51 https://t.co/egkQObsDaL pic.twitter.com/C50ABZtsGN
— News Network 24×7 (@24x7_network) April 22, 2022
‘बीजेपी झूठ बोल रही है ?
‘राजगढ़ नगर पालिका बोर्ड बीजेपी का ही है. बीजेपी के सतीश दुहारिया बोर्ड के चेयरमैन हैं. 38 में से सिर्फ एक पार्षद कांग्रेस का है. बोर्ड ने ही सर्वसम्मति से 17 अप्रैल को प्रस्ताव पारित किया कि यहां दो-तीन साल से अतिक्रमण नहीं हटाया गया है. उसे हटाकर सड़क चौड़ी की जाए. कार्रवाई के लिए SDM केशव मीणा से 150 पुलिसकर्मी और अन्य संसाधन मांगे थे. इसके बाद 17 और 18 अप्रैल को अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया गया.’
बीजेपी ने मामले की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है. ये टीम राजगढ़ जाकर फैक्ट फाइंडिंग का काम करेगी और इसकी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंपेगी.