उत्तराखंड की सरकार का तुगलकी फरमान मीडिया का इस्तेमाल केवल वाहवाही बटोरने और सरकार का चेहरा चमकाने के लिए होगा ,जोशीमठ संकट पर लगा सरकारी पहरा ,सरकारी एजेंसियों को मीडिया से कोई बात ना करने की सख्त हिदायत !
उत्तराखंड की सरकार का तुगलकी फरमान मीडिया का इस्तेमाल केवल वाहवाही बटोरने और सरकार का चेहरा चमकाने के लिए होगा ,जोशीमठ संकट पर लगा सरकारी पहरा ,सरकारी एजेंसियों को मीडिया से कोई बात ना करने की सख्त हिदायत
जोशीमठ प्रकरण पर विफल हुई भारतीय जनता पार्टी की सरकार को लगातार हो रही किरकिरी से बचाने के लिए जोशीमठ से जुड़ी खबरों पर सरकारी पहरा लगाया जा रहा है। जोशीमठ में भूधंसाव के रूप में आई आपदा संबंधी जानकारी पर सेंसर लगाते हुए सरकारी एजेंसियों को मीडिया या अन्य को जानकारी साझा न करने के लिए कहा गया है।
इससे पहले इसरो की ओर से जारी की गई जोशीमठ में दरार संबंधी सैटेलाइट तस्वीरों और रिपोर्ट को भी उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री के कहने पर गायब कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी भूधंसाव की जांच कर रही सरकारी एजेंसियों को अंतिम रिपोर्ट आने तक मीडिया को कोई भी जानकारी साझा ना करने को कहा है। आपदा से जुड़ी जानकारी साझा न करने के पीछे अलग अलग माध्यम से जानकारी साझा होने पर विरोधाभास होने का तर्क दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सारी एजेंसियों को निर्देश दे दिए हैं कि #जोशीमठ संकट से कोई भी जानकारी किसी भी मीडिया से साझा नहीं की जाए और ना ही सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाए।#GagOrder #RTI #Transperancy pic.twitter.com/Ho9V5vcQxX
— News Network 24×7 (@24x7_network) January 14, 2023
विशेषज्ञों और राज्य सरकार के बयानों में विरोधाभास होने के कारण केंद्र और राज्य सरकार की जोशीमठ पर लगातार किरकिरी हो रही थी। यह मुद्दा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 12 जनवरी को नई दिल्ली में जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में समीक्षा बैठक में भी उठा था। इसके बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सलाहकार बिस्वारुप दास की ओर से यह ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में सरकार की विभिन्न संस्थाएं सोशल मीडिया पर अपने स्तर पर आंकड़े जारी कर रही हैं। वह जोशीमठ के हालात की अपने हिसाब से व्याख्या कर उसे मीडिया से साझा कर रही हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने भू-धंसाव के कारणों की जांच करने गई सीबीआरआई रुड़की, जीएसआई कोलकाता, एनआरएसी-इसरो हैदराबाद, सीजीडब्ल्यूबी नई दिल्ली, सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया, एसओआई देहरादून, आईआईआरएस देहरादून, एनजीआरआई हैदराबाद, एनआईएच रुड़की, डब्ल्यूआईएचजी देहरादून, आईआईटी रुड़की, ईडी, एनआईडीएम, नई दिल्ली और सचिव उत्तराखंड एसडीएमए आदि केंद्रीय व अन्य एजेंसियों के लिए यह गाइड लाइन जारी की है, जिसमें सरकार की संस्थाओं से कहा गया है कि जोशीमठ मामले में अंतिम रिपोर्ट आने तक मीडिया से और सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारी साझा करने से बचें, जोशीमठ के भू-धंसाव का आकलन करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह गठित किया जा चुका है। लिहाजा, सभी संस्थानों से अनुरोध है कि वे विशेषज्ञ समूह की अंतिम रिपोर्ट आ जाने तक मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने स्तर पर जानकारी साझा करने से बचें।