उत्तरप्रदेश

“सस्ती चवन्नी पलट गयी ” राष्ट्रीय लोकदल का एनडीए में जाना हुआ तय,सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का दावा है कि 12 फरवरी को विधिवत घोषणा हो जाएगी !

राष्ट्रीय लोकदल के एनडीए में शामिल होने को लेकर अभी कोई अधिकृत घोषणा नहीं की गई है लेकिन अब यह लगभग तय हो गया है कि राष्ट्रीय लोकदल भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने जा रहा है। रालोद को दो लोकसभा और एक राज्यसभा की सीट मिलने की संभावना है, रालोद एक और सीट की मांग कर रहा है जिस पर अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में भी रालोद विधायकों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का दावा है कि 12 फरवरी को विधिवत घोषणा हो जाएगी।

पिछले दो दिन से राजनीतिक हलकों में यह चर्चा अचानक से बहुत तेज गर्म हो गई कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी भाजपा नीत एनडीए में शामिल होने जा रहे हैं। राष्ट्रीय लोक दल के प्रवक्ता इस बात से लगातार इंकार कर रहे थे लेकिन अब जो स्थिति क्लियर हो रही है उसके मुताबिक रालोद का एनडीए में जाना लगभग तय हो गया है, जिसकी अधिकृत घोषणा अगले दो-तीन दिन में ही कर दी जाएगी।

सूत्रों के अनुसार रालोद को लोकसभा की 2 सीट दी जाएगी, साथ ही एक राज्यसभा सीट पर भी रालोद के नेता का मनोनयन होगा। 2024 में केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी को केंद्र में मंत्री पद मिलेगा, साथ ही उत्तर प्रदेश में भी रालोद के 2 विधायकों को मंत्री पद दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक एक विधायक को कैबिनेट और एक विधायक को राज्य मंत्री का पद दिया जाने की संभावना है।

राष्ट्रीय लोकदल इंडिया गठबंधन में पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रमुख राजनीतिक दल था, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 7 सीट रालोद को दिए जाने की घोषणा की थी, इसके बाद रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी अखिलेश यादव की घोषणा को रिपोस्ट करके खुशी ज़ाहिर की थी लेकिन मामला मुजफ्फरनगर की सीट पर फंस गया था।

 

रालोद और सपा के समझौते में 7 सीट में कैराना,मुजफ्फरनगर,बागपत, मथुरा,अमरोहा समेत 7 सीट दिए जाने की चर्चा हुई थी जिसमें कैराना से रालोद के सिंबल पर समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन की बहन इकरा हसन को लड़ाने पर जयंत चौधरी और अखिलेश यादव दोनों ही एकमत थे लेकिन मुजफ्फरनगर की सीट पर रालोद के सिंबल पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री हरेंद्र मलिक को चुनाव लड़ाये जाने की घोषणा से रालोद में नाराजगी पैदा हो गई ,रालोद के स्थानीय नेता किसी भी दशा में हरेंद्र मलिक को रालोद के सिम्बल पर लड़ाने के लिए सहमत नहीं थे।

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