खेल जगत

बृजभूषण और उसके गुर्गों के कारण देश के पहलवान तिरंगे के साथ नहीं खेल पाएँगे.ये बृजभूषण और उसके आदमी देश का कितना नुक़सान करेंगे.-भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द होने के बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक का बयान

तिरंगा देश की शान है और हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह जीतने के बाद तिरंगा को मैदान में लेकर दौड़े. ये बृजभूषण और उसके आदमी देश का कितना नुक़सान करेंगे.

WFI: यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने 24 अगस्त को एक बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता को समाप्त करने का फैसला लिया है. चुनाव के 45 दिनों के अंदर पूरा नहीं होने की वजह से यह फैसला लिया गया !

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) की सदस्यता को 24 अगस्त को समाप्त करने के अपने फैसले के बारे में जानकारी दी. विश्व कुश्ती संघ ने यह फैसला WFI के चुनाव नहीं होने की वजह से लिया. अब सदस्यता के खत्म होने की वजह से भारतीय रेसलर्स को एक नई समस्या का सामना करना पड़ेगा. इसमें भारतीय पहलवान देश के झंडे के अंतर्गत हिस्सा नहीं ले सकेंगे.

आगामी विश्व कुश्ती चैंपियनशिप की शुरुआत 16 सितंबर से होनी वाली है और इसमें भारतीय कुश्ती खिलाड़ियों को ओलंपिक क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में न्यूट्रल एथलीट के तौर पर हिस्सा लेना होगा. बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल खत्म होने के बाद 45 दिनों के अंदर चुनाव कराने थे, लेकिन अलग-अलग राज्य के कुश्ती संघों की याचिका के आधार पर चुनाव में रोक लगाने की वजह से यह संपन्न नहीं हो सके और इसके कारण अब विश्व कुश्ती संघ ने सदस्यता को समाप्त कर दिया है.

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही कामकाज से अलग कर दिया था. इसकी वजह पहलवानों का उनके खिलाफ लगातार जारी प्रदर्शन था. इसके बाद एक एडहॉक कमेटी बनाई गई थी जो सारा कामकाज देख रही थी और उसी पर चुनाव का आयोजन कराने की भी जिम्मेदारी थी.

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