उत्तरप्रदेश

डॉक्टर की पिटाई मामले से सुर्ख़ियों में आये कानपुर के किसान नेता संतोष सिंह भदौरिया की करौली बाबा बनने की कहानी !

डॉक्टर की पिटाई मामले से सुर्ख़ियों में आये कानपुर के किसान नेता संतोष सिंह भदौरिया की करौली बाबा बनने की कहानी !

उत्तर प्रदेश के कानपुर में नोएडा के रहने वाले एक डॉक्टर की पिटाई के बाद करौली बाबा विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं .डॉक्टर ने उनके खिलाफ मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. आइए जानते हैं कौन हैं करौली सरकार के यह बाबा और कैसे करते हैं तंत्र मंत्र से इलाज.

इस बाबा का नाम संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा है. इन पर आरोप है कि जब उनके चमत्कार को एक डॉक्टर ने नकार दिया, तो उन्होंने अपने सेवादारों से उसकी पिटाई करा दी. वहीं, बाबा का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं. यह व्यक्ति प्लान करके उनके पास भेजा गया था. दवाई माफियाओं के द्वारा यह किया गया है.

बता दें कि संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा का करोड़ों रुपये का साम्राज्य आपको कानपुर के करौली गांव में देखने को मिल जाएगा. जहां शहरी इलाकों में एटीएम ढूंढने से मिलते हैं, तो वहीं कानपुर मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर बसे इस सुनसान गांव में बाबा के आश्रम में आपको एटीएम लाइन से देखने को मिल जाएंगे.14 एकड़ में फैला यह आश्रम लोगों की भीड़ से भरा हुआ नजर आएगा. देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी रोजाना इनके आश्रम में हजारों लोग पहुंचते हैं.

आश्रम में आपको पूरी सुविधाएं मिलेंगी. यहां पर हर चीज का आपको टोकन कटवाना पड़ेगा. बाबा से मिलने से लेकर यज्ञ हवन हर चीज के लिए रसीद की व्यवस्था है. यहां आने वाले भक्तों को सबसे पहले 100 रुपये की रसीद कटानी होती है. इसके बाद अलग-अलग रेट तय है. हवन का खर्चा 5000 से 100000 रुपये तक का है. सारे सामान आपको यही आश्रम में मिलेंगे.

संतोष सिंह भदौरिया ने दावा किया कि वह शिव की शक्ति और तंत्र से लोगों का इलाज करते हैं. लोगों को ईश्वरी इलाज कर पूरी तरीके से ठीक करते हैं. कोई भी साध्य रोग हो या असाध्य रोग हर रोग का उनके पास इलाज है. अपने ऊपर लगे आरोपों पर बाबा का कहना है कि उनको और सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए इस तरीके की साजिश रची जा रही है. यह सनातन विरोधियों और दवा माफियाओं का काम है. उन्होंने दावा किया कि कई देशों से उनके पास ऑफर है कि वे यह दरबार वहां पर लगाएं.

संतोष सिंह भदौरिया पहले किसान नेता थे. इसके बाद उन्होंने करौली में थोड़ी जमीन खरदी. फिर उन्होंने सबसे पहले शनि भगवान का मंदिर बनवाया. इसके बाद उन्होंने थोड़ी और जमीन खरीद कर आश्रम बना दिया. शुरुआत में वह आयुर्वेदिक डॉक्टर बनकर इलाज कर रहे थे, लेकिन फिर धीरे-धीरे वह तंत्र मंत्र कर लोगों को इलाज करने का दावा करने लगे.

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