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बिहार के भागलपुर में निर्माणाधीन पुल का अधिकांश निर्माण तब हुआ, जब बीजेपी के नेता मंगल पांडे, नंद किशोर यादव और नितिन नबीन विभाग के मंत्री थे.-CM नीतीश कुमार

बिहार के भागलपुर में निर्माणाधीन पुल का अधिकांश निर्माण तब हुआ, जब बीजेपी के नेता मंगल पांडे, नंद किशोर यादव और नितिन नबीन विभाग के मंत्री थे.-नीतीश कुमार

बिहार के खगड़िया जिले को भागलपुर से जोड़ने वाले अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के ढहने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पुल के ढहने को लेकर अब सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है.इस पुल के डिजाइन का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने पहले ही बताया था कि इस पुल के डिजाइन में गंभीर खामियां हैं.फिलहाल अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है,

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खगड़िया में पुल गिरने की घटना के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत को जांच की जिम्मेदारी मिली है. नीतीश कुमार ने कहा कि जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी. वहीं आरजेडी ने ट्वीट कर बीजेपी के आरोपों पर प्रहार किया कि पुल का अधिकांश निर्माण तब हुआ, जब बीजेपी के नेता मंगल पांडे, नंद किशोर यादव और नितिन नबीन विभाग के मंत्री थे.

तेजस्वी यादव ने कहा कि एक बार अंतिम रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार प्राथमिकी दर्ज करने और कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने जैसी कार्रवाई पर विचार करेगी. तेजस्वी यादव ने कहा कि तीन किलोमीटर लंबे पुल के कई हिस्से कमजोर हैं. इसी वजह से कमजोर हिस्सों को गिराया जा रहा है. बता दें कि इस पुल की कुल अनुमानित लागत 1,710 करोड़ रुपए है. आठ साल से पुल का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन अभी तक बन नहीं पाया है, जबकि 2020 में ही इसको कंपलीट करने की डेडलाइन थी.

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