क्राइम रिपोर्ट

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को फर्जी एनकाउंटर के आरोप में उम्रकैद , एसआईटी जांच में खुलासा लखन भैया एनकाउंटर फर्जी था।

मुंबई। बाम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुंबई में बहुचर्चित लखन भैया एनकाउंटर मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हाई कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को आगामी तीन सप्ताह के अंदर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का भी आदेश दिया है।

जानकारी के अनुसार 11 नवंबर 2006 को अंधेरी के वर्सोवा में हुए रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया एनकाउंटर की एसआईटी जांच में खुलासा हुआ था कि एनकाउंटर फर्जी था। इस मामले में मुंबई पुलिस और पुलिस के 13 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें प्रदीप शर्मा भी शामिल थे। 2008 में उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। रामनारायण के वकील भाई एडवोकेट राम प्रसाद गुप्ता की लगातार पैरवी के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर एसआईटी ने मामला दर्ज किया था।

इस मामले की सुनवाई के बाद 2013 में सेशन कोर्ट ने 11 पुलिसकर्मियों समेत 21 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी लेकिन प्रदीप शर्मा को बरी कर दिया गया। इसके बाद रामप्रसाद गुप्ता और राज्य सरकार ने निचले कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की पीठ के समक्ष 8 नवंबर, 2023 को पूरी हो गई और पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट की पीठ ने आज इस मामले में फैसला सुनाया है।

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