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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को लगा दी करारी फटकार, कहा- आप बहुत नारी शक्ति की बात करते हैं लेकिन नारी शक्ति के लिए करते तो कुछ नहीं कुछ किया तो हमे दिखाईये !

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को अपनी महिला अधिकारियों (women officers) को स्थायी कमीशन (permanent commission) देने से इनकार करने पर केंद्र (Central government) और भारतीय तटरक्षक (ICG) को कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समुद्री बल को ऐसी नीति बनानी चाहिए, जो महिलाओं के साथ निष्पक्ष व्यवहार करे। शीर्ष अदालत महिला अधिकारी प्रियंका त्यागी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आईसीजी की पात्र महिला शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की मांग की गई है।

मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि आप ‘नारी शक्ति’ की बात करते हैं। अब इसे यहां दिखाएं। आपको एक ऐसी नीति बनानी चाहिए, जो महिलाओं के साथ उचित व्यवहार करती हो। पीठ ने पूछा कि क्या तीन सशस्त्र बलों- सेना, वायु सेना और नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद संघ अभी भी ‘पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण’ अपना रहा है। आप इतने पितृसत्तात्मक क्यों हो रहे हैं? आप तटरक्षक बल में महिलाओं का चेहरा नहीं देखना चाहते?

 

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