गुजरात-केंद्र सरकार की पर तापी नर्मदा नदी परियोजना के विरोध में आदिवासियों की जनसभा में उमड़ा भारी सैलाब ! ।
केंद्र सरकार की पर तापी नर्मदा नदी परियोजना के विरोध में आदिवासियों की जनसभा में उमड़ा भारी सैलाब !
केंद्र सरकार की पर तापी नर्मदा नदी जोड़ने की परियोजनाके विरोध में आज गुजरात के आदिवासियों ने वलसाड जिले के कपराडा में जनसभा की । वलसाड जिले के धरमपुर में 28 फरवरी को पहली, तापी जिले के व्यारा में 5 मार्च को दूसरी और 11 मार्च को डांग जिले में तीसरी बैठक के बाद यह चौथी ऐसी विरोध बैठक थी !
उकाई बांध के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य नदियों को आपस में जोड़कर समुद्र में बहने वाले अतिरिक्त पानी का दोहन करना है। इससे वलसाड, नवसारी, सूरत और भरूच की नदियों में नियमित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने में भी मदद मिलेगी।
इससे आदिवासियों का डर क्या हैं?
जिन जिलों में इस परियोजना को लागू किया जाएगा, उनमें बड़े पैमाने पर आदिवासियों का वर्चस्व है, जिन्हें विस्थापन का डर है। पार तापी नर्मदा लिंक परियोजना के विरोध में आदिवासियों द्वारा पहले ही तीन जनसभाएं आयोजित की जा चुकी हैं। आज चौथी बैठक के बाद सूरत जिले के मांडवी में एक और जनसभा होनी है, जिसकी तारीख अभी घोषित नहीं की गई है।
आंदोलन को समस्त आदिवासी समाज, आदिवासी समन्वय मंच, आदिवासी एकता परिषद और कांग्रेस विधायक नवसारी अनंत पटेल का समर्थन प्राप्त है
वलसाड, नवसारी और डांग के विधायकों सहित दक्षिण गुजरात के कई भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्य भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल को आदिवासियों के गुस्से के बारे में अभ्यावेदन दिया है।
2017 के विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने कपराडा, धर्मपुर और डांग की आदिवासी बहुल विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। गुजरात में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं, जिसे भाजपा इस साल जीतना चाहती है, पार्टी ने राज्य के बजट में आदिवासियों के लिए कई योजनाओं की भी घोषणा की है।