स्वास्थ्य

पीरियड्स मासिक चक्र या मासिक धर्म क्या होता है जानिए, सम्पूर्ण जानकारी पर प्रमाणित प्राकृतिक चिकित्सक प्रीती खत्री का विशेष लेख

पीरियड्स मासिक चक्र या मासिक धर्म क्या होता है जानिए, सम्पूर्ण जानकारी पर प्रमाणित प्राकृतिक चिकित्सक प्रीती खत्री का विशेष लेख

मासिक धर्म के लक्षणों और दर्द के लिए उपचार

कई महिलाएं कुछ शारीरिक असामान्यताओं के कारण मासिक धर्म के दर्द और पेट में ऐंठन जैसी अनेक समस्याओं से पीड़ित रहती हैं। दर्दनाक पीरियड्स होने पर, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं तो नहीं हैं, डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर होता है। यदि कोई जटिलताएं नहीं हैं, तो ठीक से चुने गए आहार और विटामिन मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं।

पीरियड्स के इन्ही लक्षणों के लिए कुछ घरेलू उपचार नीचे दिए गए हैं –

मासिक धर्म के दर्द के कारणों का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि इसका कारण क्या है, जैसे जन्म नियंत्रण गोलियाँ, भारी या लंबे समय तक मासिक धर्म, आईयूडी, नॉनफ्लेमेटरी स्टेरॉयड ड्रग्स (एनएसएआईडी) से होने वाले दर्द के लिए, इबुप्रोफेन (एडविल), एस्पिरिन, और ओवर द काउंटर दवाएं (ओटीसी) दर्द और ऐंठन को राहत देने के लिए लाभदायक हो सकती हैं।

मासिक धर्म से होने वाली ऐंठन, दर्द और सिरदर्द को कम करने के लिए आप हर्बल चाय भी पी सकते हैं यह मासिक धर्म से होने वाले दर्द से आपको राहत देगी।

दर्द और ऐंठन से आराम पाने के लिए आप गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड का भी प्रयोग कर सकते हैं।
इसके अलावा अक्युपंक्चर थेरेपी का प्रयोग करके पीरियड्स में होने वाले पेट दर्द, सिरदर्द, पेट फूलना, ऐंठन इत्यादि समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

मासिक धर्म और मासिक धर्म चक्र से जुडी समस्यायें

शायद आपको ज्ञात न हो कि आपके मासिक धर्म आपके स्वाथ्य के विषय में बहुत कुछ बता सकते हैं। सामन्यतः यह एक आम प्रक्रिया होती है परन्तु कभी कभी कुछ शारीरिक बदलावों और पोषक तत्वों के कारण इससे कुछ समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं। इन समस्याओं में से कुछ निम्न प्रकार हैं-

पीरियड्स की समस्या में भारी रक्तस्राव
पीरियड का दर्द (जिसे डिसमेनोरिया भी कहा जाता है)
अप्रत्याशित या अनियमित पीरियड्स
प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS)
ये सभी समस्याएं कुछ महिलाओं को चिड़चिड़ा और उदास महसूस करा सकती है और पेट में सूजन, स्तनों में ढीलापन और दर्द का कारण बन सकती हैं।
मासिक धर्म चक्र से जुडी समस्याओं के लिए कब डॉक्टर के पास जाएँ…
यह आवश्यक नहीं होता कि आपके मासिक धर्म या मासिक धर्म चक्र के दौरान कोई समस्या न आये यदि आप उपरोक्त किसी भी समस्या से जूझ रहीं हैं तो आज ही अपने नजदीकी गायनेकोलॉजिस्ट को दिखाएँ या अपने डॉक्टर से अपने पीरियड के बारे में इन समस्याओं के होने पर बात करें:
15 साल की आयु तक मासिक धर्म प्रारम्भ न होने पर
स्तन वृद्धि शुरू होने के बाद आपने 3 साल के भीतर मासिक धर्म प्रारम्भ नहीं हुआ है, या 13 साल की उम्र तक स्तन बढ़ने शुरू नहीं हुए हैं।
पीरियड्स अचानक 90 दिनों से या अधिक समय के लिए रुक गये हैं
अनियमित पीरियड्स
पीरियड्स प्रत्येक 21 दिनों की तुलना में अधिक या हर 35 दिनों की तुलना में कम बार होती है
7 दिनों से अधिक समय तक ब्लीडिंग होने पर
सामान्य से अधिक ब्लीडिंग होने पर या हर 1 से 2 घंटे में 1 से अधिक पैड या टैम्पोन का उपयोग
मासिक धर्म चक्र के दौरान ब्लीडिंग
मासिक धर्म के दौरान गंभीर दर्द
टैम्पोन का उपयोग करने के बाद आपको अचानक बुखार आना या बीमार महसूस करना
पैड/टेम्पोन कितने समय में बदलें | मासिक धर्म स्वच्छता
मासिक धर्म के दौरान स्वछता का विशेष ध्यान रखना अति आवश्यक होता है, यह आपके स्वास्थ्य और अन्य बीमारियोंसे बचाव के लिए अहम कदम सिद्ध हो सकता है। भारत में आज भी कितनी महिलाएं मासिक धर्म के दौरान कपड़ा, पत्तों और अन्य असमान पदार्थों का उपयोग करती हैं। यह न केवल उन्हें घर पर रहने के लिए प्रतिबंधित करते हैं, बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं। यहाँ कुछ टिप्स हैं जिनका हर महिला को मासिक धर्म स्वच्छता बनाए रखने के लिए अनुसरण करना चाहिए-
रक्त से भीगने से पहले आपको एक पैड बदलना चाहिए
आपको कम से कम हर 4 से 6 घंटे में टैम्पोन या पैड बदलना चाहिए
अपने प्रवाह के लिए सबसे कम शोषक टैम्पोन का उपयोग करें
यदि आप रियूजेबल पैड का प्रयोग करती हैं तो उसे अच्छे से साफ़ करके प्रयोग करें
योनि और आस पास के स्थान को स्वच्छ रखें
कभी भी एक साथ दो पैड का इस्तेमाल न करें
आरामदायक और साफ अंडरवियर पहनें
टैम्पोन का उपयोग
मासिक धर्म के दौरान हल्की ब्लीडिंग होने पर रेगुलर टेम्पोन का प्रयोग करना चाहिये। हल्के परवाह के दिनों में सुपर अवशोषक टैम्पोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए, इसका प्रयोग युवा महिलाओं में टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के खतरे को बढ़ा सकता है। TSS दुर्लभ सिंड्रोम होता है परन्तु यह कभी कभी घातक भी हो सकता है।

युवा महिलाओं में टीएसएस होने की अधिक संभावना होती है। किसी भी प्रकार के टैम्पोन का उपयोग करना आपको पैड के उपयोग की तुलना में टीएसएस के लिए अधिक जोखिम में डाल सकता है। टेम्पोन का प्रयोग करते समय निम्न बातों का विशेष ध्यान रखें-
टेम्पोन के पैकेज पर लिखे निर्देशों का पालन करें
निम्न अवशोषक टेम्पोन का प्रयोग करें
4 से 8 घंटे में टेम्पोन बदलें
टेम्पोन और पैड दोनों का प्रयोग करें

 

शेष अगले भाग में

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