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स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की 93वीं जयंती अयोध्या में आज होगा लता मंगेशकर चौक का लोकार्पण !

स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की 93वीं जयंती अयोध्या में आज होगा लता मंगेशकर चौक का लोकार्पण !

स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की 93वीं जयंती पर एक बार फिर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज की मिठास लोगों के दिलों में जिंदा है. मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्मीं लता मंगेशकर को गायिकी अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर से विरासत में मिली थी. आठ दशक से भी अधिक समय से हिन्दुस्तान की आवाज बनीं लता ने 36 भाषाओं में 50 हजार से ज्यादा गीत गाए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुर सामाज्ञी को उनकी जयंती पर याद किया और कहा कि, “मुझे खुशी है कि आज अयोध्या में एक चौक का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा.”

लता मंगेशकर पहली बार पार्श्व गायन का अवसर मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए मिला था, लेकिन दुर्भाग्यवश फिल्म के रिलीज होने से पहले इस गाने को हटा दिया गया. काफी दिनों तक संगीतकारों ने उनसे गाना नहीं गवाया, क्योंकि उन्हें लगता था कि लता की आवाज पतली है. उनका पहला हिंदी गाना 1943 में रिकॉर्ड हुआ. 1945 में लता मुंबई आ गयीं.

लता मंगेशकर ने अपना पहला एकल गीत 1947 में फिल्म ‘आपकी सेवा’ के लिए गाया था. गीत के बोल थे ‘चलो हो गयी तैयार.’ वर्ष 1948 में ‘मजदूर’ फिल्म के लिए गाये गीत ‘दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का ना छोड़ा’ से उन्हें पहचान मिली. वर्ष 1949 लता के करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा. इस वर्ष आयी फिल्म ‘महल’ में उनके द्वारा गाया गीत ‘आयेगा आने वाला’ हिट रहा. इस गीत ने न सिर्फ उनकी प्रतिभा को स्थापित करने में मदद की, बल्कि फिल्म जगत के बड़े संगीतकारों के साथ गाने का मौका भी दिया. इसके बाद लता मंगेशकर ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

बता दें कि लता मंगेशकर का पिछले साल छह फरवरी को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था

 

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