मोदी सरकार द्वारा सिविल सेवा के अधिकारियों और सैनिकों को प्रचारक बनाने के खिलाफ खड़गे ने पीएम को लिखा पत्र, कहा- ब्यूरोक्रेसी और सेना को राजनीति से रखें दूर !
केंद्र की मोदी सरकार के विवादित आदेशों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि भारत सरकार के अधिकारियों और सैनिकों के राजनीतिकरण किया जा रहा है। खड़गे ने कहा कि सरकार की सभी एजेंसियां, संस्थान और विभाग अब आधिकारिक तौर पर ‘प्रचारक’ हैं। खड़गे ने अपील की है कि इन्हें राजनीति से बाहर रखा जाए।
खड़गे ने यह भी कहा कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के मद्देनजर यह जरूरी है कि नौकरशाही और हमारे सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा देने वाले आदेशों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। अपने दो पन्नों के पत्र में खड़गे ने कहा कि वह एक अत्यंत सार्वजनिक महत्व के मामले पर लिख रहे हैं जो न केवल ‘इंडिया’ पार्टी के लिए बल्कि बड़े पैमाने पर लोगों के लिए भी चिंता का विषय है।
मोदी सरकार द्वारा सिविल सेवा के अधिकारियों और सैनिकों का राजनीतिकरण किया जा रहा है।
इसके विरोध में कांग्रेस अध्यक्ष श्री @Kharge ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। pic.twitter.com/hv5r6tyC27
— Congress (@INCIndia) October 22, 2023
कांग्रेस नेता ने कहा, “इसका संबंध आज देश में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल की सेवा में हो रहे सरकारी तंत्र के घोर दुरुपयोग से है।” खड़गे ने 18 अक्टूबर के एक पत्र का हवाला दिया, जिसके विषय में कहा गया है कि संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव जैसे उच्च रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को भारत के सभी 765 जिलों में तैनात किया जाना है।
उन्होंने कहा, ”उन्हें सरकार की पिछले 9 वर्षों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए ‘रथप्रभारी’ के रूप में तैनात किया जाएगा। यह कोई संयोग नहीं है कि पिछले नौ साल आपके कार्यकाल के अनुरूप हैं। यह कई कारणों से गंभीर चिंता का विषय है। यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का स्पष्ट उल्लंघन है, जो निर्देश देता है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा।
उन्होंने कहा, “हमारे सैनिकों को सरकारी योजनाओं का विपणन एजेंट बनने के लिए मजबूर करना सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण की दिशा में एक खतरनाक कदम है।” उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि हमारे देश के लिए कई महीनों या वर्षों की कठिन सेवा के बाद सैनिक अपनी वार्षिक छुट्टी पर पूर्ण स्वतंत्रता के पात्र हैं। उन्होंने कहा, “राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनकी छुट्टियों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए।”