मोदी सरकार के तीन काले कानूनों को धुल चटाने वाले पंजाब के किसानो ने अपनी ही पंजाब सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कई मांगों को लेकर चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर धरने पर बैठे !
मुख्यमंत्री भगवंत मान किसानों की चिंताओं को दूर किए बिना अरविंद केजरीवाल से मिलने दिल्ली गए।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर में दिल्ली की सीमा पर तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के साथ सालभर से चल रहे विरोध प्रदर्शन के खत्म होने के बाद अब पंजाब के सैकड़ों किसान राज्य के बाहरी इलाके चंडीगढ़ बॉर्डर पर धरने पर बैठ गए हैं। वे समय से पहले गर्मी शुरू हो जाने के कारण फसल का नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
किसानों की अन्य प्रमुख मांगों में मक्का, बासमती और मूंग (दाल) की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य शामिल है, जिसका सरकार ने आश्वासन दिया है। मगर उन्हें 18 जून से धान की रोपाई शुरू करने के चौंकाने वाले फरमान और प्रीपेड बिजली मीटर स्थापित नहीं किए जाने पर आपत्ति है। उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने पर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास तक मार्च करने के लिए बुधवार को सीमाओं पर लगाए गए बैरिकेडों को तोड़ने की धमकी दी।