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मोदी का मास्टरस्ट्रोक देश की जमीनें, सार्वजनिक क्षेत्र की सम्पत्तियों, बैंक बीमा आदि को लूटने के बाद देश के जंगल भी किये कॉरपोरेट के हवाले !

मोदी का मास्टरस्ट्रोक देश की जमीनें, सार्वजनिक क्षेत्र की सम्पत्तियों, बैंक बीमा आदि को लूटने के बाद देश के जंगल भी किये कॉरपोरेट के हवाले !

28 जून को मोदी सरकार ने एक कानून पारित किया है, जिसका नाम है वन संरक्षण नियम 2022। इस कानून के आ जाने के बाद कोई भी कम्पनी/प्रयोक्ता (वन भूमि को अनारक्षण, डायवर्जन या पट्टे के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति, संगठन या कानूनी ईकाई या कम्पनी) देश में कहीं भी मनचाही वन भूमि पर कोई प्रोजैक्ट लगाने या खनन करने के लिए आवेदन कर सकता है। इस वन भूमि की लूट को आसान बनाने के लिए ही मोदी सरकार वन संरक्षण नियम 2022 लेकर आयी है।

देश के वन अधिनियम 1980 में इस बात का प्रावधान था कि वन भूमि पर किसी भी प्रकार के गैर वानिकी कार्य के लिए केन्द्र सरकार की अनुमति आवश्यक होगी। अब इस नये वन संरक्षण नियम 2022 के आ जाने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा गठित कमेटी एक निश्चित समय सीमा के भीतर वन भूमि को गैर वानिकी कार्य के लिए उपयोग करने के प्रस्ताव को स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए बाध्य होगी।

 

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