गांधी नाम से नफ़रत को लेकर बीजेपी सांसद सांसद वरुण गांधी ने “संजय गांधी अस्पताल” का मुद्दा उठाकर योगी सरकार पर किया करारा हमला !
गांधी नाम से नफ़रत को लेकर बीजेपी सांसद सांसद वरुण गांधी ने "संजय गांधी अस्पताल" का मुद्दा उठाकर योगी सरकार पर किया करारा हमला !
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से लोक सभा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर से अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी सरकार पर ‘व्यवस्था का अहंकार ‘ दिखाने का आरोप लगाया है। वरुण गांधी ने इशारों-इशारों में बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि कहीं ‘नाम’ के प्रति नाराजगी लाखों का ‘काम’ न बिगाड़ दे।
वरुण गांधी ने एक वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, “सवाल संजय गांधी अस्पताल के 450 कर्मचारियों और उनके परिवार का ही नहीं, रोज सैकड़ों की संख्या में इलाज कराने वाले सूबे की आम जनता का भी है। उनकी पीड़ा के साथ न्याय ‘मानवता की दृष्टि’ ही कर सकती है, ‘व्यवस्था का अहंकार’ नहीं। कहीं ‘नाम’ के प्रति नाराजगी लाखों का ‘काम’ न बिगाड़ दे।”
The swift suspension of the Sanjay Gandhi Hospital's license in Amethi, without a thorough investigation, is an injustice to all individuals who depend on the institution not only for primary healthcare services but also for their livelihoods.
While accountability is crucial, it… pic.twitter.com/9TJNcrIkvd
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 22, 2023
इससे पहले, वरुण गांधी ने व्यापक और निष्पक्ष जांच के बिना अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का परिचालन लाइसेंस निलंबित करने पर गहरी नाराजगी जताते हुए 22 सितंबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र भी लिखा था। वरुण ने पाठक को लिखे उस पत्र में भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए लिखा था कि, ” स्पष्टीकरण का कोई अवसर दिए बिना अस्पताल के लाइसेंस को एकतरफा तौर निलंबित करना चिंता पैदा करता है, क्योंकि यह निर्णय स्वास्थ्य देखभाल पहुंच, आजीविका और शैक्षिक निरंतरता को प्रभावित करता है।
सवाल संजय गांधी अस्पताल के 450 कर्मचारियों और उनके परिवार का ही नहीं, रोज सैकड़ों की संख्या में इलाज कराने वाले सूबे की आम जनता का भी है।
उनकी पीड़ा के साथ न्याय ‘मानवता की दृष्टि’ ही कर सकती है, ‘व्यवस्था का अहंकार’ नहीं।
कहीं ‘नाम’ के प्रति नाराजगी लाखों का ‘काम’ न बिगाड़ दे। pic.twitter.com/KsfxNuaPuk
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 30, 2023
कथित चिकित्सीय लापरवाही से जुड़ी हालिया घटना की गंभीरता को स्वीकार करते हुए इस मामले को आनुपातिकता और निष्पक्षता की भावना से देखना आवश्यक है। स्वामित्व जैसे मुद्दे की अनदेखी के साथ किसी भी स्वास्थ्य सुविधा में दुखद घटनाएं सामने आ सकती हैं। व्यापक और निष्पक्ष जांच की अनुमति दिए बिना पूरे अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करना जल्दबाजी और अन्यायपूर्ण कार्रवाई प्रतीत होती है।