नवरात्र में 9 दिन व्रत के बजाय 9 दिन देश का संविधान पढ़ों’ लिखने वाले दलित लेक्चरर मिथिलेश कुमार गौतम बर्खास्त !
नवरात्र में 9 दिन व्रत के बजाय 9 दिन देश का संविधान पढ़ों' लिखने वाले दलित लेक्चरर मिथिलेश कुमार गौतम बर्खास्त !
मां दुर्गा के नवरात्र चल रहे है। मां के भक्तों में जोश और उत्साह है। कोई पहला और आखिरी नवरात्र रखता है, तो कोई एक वक्त भोजन करता है, वहीं बहुत से ऐसे भी है जो पूरे नौ दिनों तक देवी का उपवास करते है। इन्हीं सब के बीच वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एक गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम ने सोशल मीडिया पर मां शक्ति की आराधना और पर्व को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट की दी थी। जिसके बाद बवाल शुरू हो गए। गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम के आपत्तिजनक पोस्ट के बाद छात्रों ने नाराजगी जाहिर की। मामला इतना बढ़ गया कि आक्रोशित छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कार्रवाई की और इसके विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। जिसके बाद मिथिलेश गौतम विश्वविद्यालय से बर्खास्त कर दिया है।
Uttar Pradesh | Mithilesh Gautam, a guest lecturer at Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith in Varanasi, has been dismissed by the University & prohibited to enter the University campus after his Facebook post on fasting during #Navratri pic.twitter.com/ImbCrk5nk5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 30, 2022
दरअसल मितिलेश गौतम ने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए लिखा था कि ‘महिलाओं को नौ दिन के नवरात्र के व्रत रखने से अच्छा है कि नौ दिन भारतीय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ लें, इससे उनका जीवन गुलामी और भय से मुक्त हो जाएगा, जय भीम’। इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर पहले कई यूजर्स ने मिथिलेश गौतम को इसका जवाब दिया। लेकिन इसके बाद छात्रों ने बुधवार को सड़कों पर उतर कर इसका जोरदार विरोध किया। गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट से हैं।
जानकारी के अनुसार मिथिलेश गौतम ने फेसबुक पर अरुण प्रताप यादव नाम के व्यक्ति की आपत्तिजनक पोस्ट को शेयर किया था। इस पोस्ट में मां दुर्गा के साथ ही महिषासुर को लेकर कई आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं। आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने के साथ ही मिथिलेश गौतम ने नवरात्र में व्रत रखने वाली महिलाओं को भी नसीहत दी। हालांकि पोस्ट के बाद हुए हंगामे को देखते हुए मिथिलेश गौतम विश्वविद्यालय से बर्खास्त कर दिया है।