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‘नरेंद्र मोदी ने ‘चंदे के धंधे’ को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.SBI द्वारा चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए और समय की मांग पर राहुल गाँधी का मोदी पर निशाना !

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) की जानकारी निर्वाचन आयोग (ECI) से शेयर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से और समय की मांग की है. SBI ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 30 जून तक का समय मांगा है.

अदालत ने 15 फरवरी को एसबीआई को तत्काल चुनावी बॉन्ड जारी करना बंद करने और खरीदारों के नाम, बॉन्ड के मूल्य और उसे प्राप्त करने वालों की पूरी जानकारी 6 मार्च तक चुनाव आयोग को सौंपेने का आदेश दिया था। इसके साथ ही अदालत ने चुनाव आयोग को इसका खुलासा 13 मार्च तक करने का निर्देश दिया था।


 

एसबीआई ने अपने आवेदन में कहा है कि अदालत ने 12 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 तक के चुनावी बॉन्डों का ब्योरा देने के लिए कहा है। इस अव​धि में वि​भिन्न राजनीतिक दलों को चंदा देने में 22,217 चुनावी बॉन्ड का उपयोग किया गया है। भुनाए गए बॉन्डों को अ​धिकृत शाखाओं द्वारा मुंबई की मुख्य शाखा में सीलबंद लिफाफे में जमा कराया गया था। ऐसे में सूचना के दो अलग-अलग स्रोत हैं जिसका मिलाने करने में समय लगेगा।

 

राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ‘नरेंद्र मोदी ने ‘चंदे के धंधे’ को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्टोरल बॉण्ड का सच जानना देशवासियों का हक है, तब SBI क्यों चाहता है कि चुनाव से पहले यह जानकारी सार्वजनिक न हो पाए? एक क्लिक पर निकाली जा सकने वाली जानकारी के लिए 30 जून तक का समय मांगना बताता है कि दाल में कुछ काला नहीं है, पूरी दाल ही काली है. देश की हर स्वतंत्र संस्था ‘मोडानी परिवार’ बन कर उनके भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में लगी है. चुनाव से पहले मोदी के ‘असली चेहरे’ को छिपाने का यह ‘अंतिम प्रयास’ है.

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