तानाशाही, उग्रवाद, झूठी सूचनाओं और आर्थिक जोर-जबरदस्ती पर मोदी सरकार जो उपदेश दुनिया को देती है उसे पहले भारत में अभ्यास करनी चाहिए- पी चिदंबरम
तानाशाही, उग्रवाद, झूठी सूचनाओं और आर्थिक जोर-जबरदस्ती पर मोदी सरकार जो उपदेश दुनिया को देती है उसे पहले भारत में अभ्यास करनी चाहिए- पी चिदंबरम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 के शिखर सम्मेलन के सत्र में कहा कि हिंसक उग्रवाद, तानाशाही, आतंकवाद, झूठी सूचनाओं और आर्थिक जोर-जबरदस्ती से उत्पन्न विभिन्न खतरों से साझा मूल्यों की रक्षा करने में भारत जी-7 का एक स्वाभाविक साझेदार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जी-7 के शिखर सम्मेलन में रखे उनके विचारों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा मोदी सरकार जो उपदेश दुनिया को देती है उसे पहले भारत में अभ्यास करनी चाहिए !
G-7 आउटरीच बैठक में पीएम मोदी का भाषण प्रेरक होने के साथ-साथ विडंबनात्मक भी है
मोदी सरकार जो उपदेश दुनिया को देती है उसे पहले भारत में अभ्यास करनी चाहिए
यह दुख की बात है कि पीएम मोदी एकमात्र ऐसे अतिथि थे जो आउटरीच बैठक में शारीरिक रूप से मौजूद नहीं थे। अपने आप से पूछिए, क्यों?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 14, 2021
क्योंकि जहां तक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का सवाल है, भारत सबसे अलग है। हम सबसे अधिक संक्रमित और सबसे कम टीकाकरण वाले देश हैं (जनसंख्या के अनुपात में)।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 14, 2021