आगामी आम चुनाव के डर से कांपते लाल किले से देश के प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं भाजपा नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर बोला झूठ, फैलाया जातिवाद का जहर ,और 2024 के लिए खुद ही कर लिया अपना राजतिलक !
देश के 77वे स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया और अपनी सरकार की जमकर तारीफ की। इस मौके पर उन्होंने देश की महिलाओं का जिक्र करते हुए आपनी सरकार की खूब वाहवाही की। पीएम मोदी ने कहा, “एक चीज जो देश को आगे ले जाएगी वह है महिला नेतृत्व वाला विकास।
प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति की बात करते हुए अपनी सरकार की पीठ तो थपथाई, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उसी नारी शक्ति का इस देश में आज क्या हाल हो गया है। देश में महिलाओं के साथ किस तरह का अपराध हो रहा है और पीएम मोदी की सरकार महिलाओं को लेकर हो रही घटनाओं पर कितनी संजीदा है। मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न परेड कराने का मामला सबसे बड़ा उदाहरण है। मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। दो महिलाओं के साथ दिल दहला देने वाली वारदात हुई और राज्य सरकार को अरोपियों के खिलाफ एक्शन लेने में हफ्तों लग गए। जब महिलाओं का वीडियो वायरल हुआ तब सरकार की नींद टूटी और पीएम मोदी दुख जताने के लिए दो शब्द कह दिए। इससे पहले मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी ने चुप्पी साध रखी थी।
प्रधानमंत्री ने परिवारवाद को लेकर काफी लंबा चौड़ा भाषण दिया लेकिन अपनी पार्टी के परिवारवाद पर उन्होंने कुछ नहीं बोला
भ्रष्टाचार को लेकर वह नहीं बता पाए कि जिस अजित पवार को लेकर उन्होंने 3 दिन पहले एक बड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया था उसके 3 दिन बाद उसी अजीत पवार को पार्टी में लेकर क्या संदेश दिया था ? प्रधानमंत्री ने पीएम केयर फंड राफेल प्रधानमंत्री आवास योजना द्वारका एक्सप्रेसवे अयोध्या कॉरिडोर प्रोजेक्ट भारतमाला जैसी अन्य घोटालों पर एक शब्द नहीं बोला
अपने भाषण में हाथ के कारीगरों के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री ने एक फंड की घोषणा भी की लेकिन जातिवाद उनके जहन में इस कदर हावी है कि उन्होंने उस घोषणा को ओबीसी समुदाय के फायदे का बताकर जातिवाद का जहर फैलाने का काम भी किया
तुष्टिकरण पर बोलते हुए प्रधानमंत्री भूल गए की हर चौथे दिन वह किसी मंदिर में जमीन पर लौटकर धोती पहन कर माथे पर चंदन लगाकर दंडवत करते नजर आते हैं आरएसएस अपनी स्थापना के समय से ही तुष्टिकरण की राजनीति करता रहा है इस पर प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं
पूरे भाषण के दौरान आगामी चुनाव के मैं हार का डर उनके भाषण में साफ-साफ दिखाई दे रहा था तो चलते हुए हकलाते हुए और शब्दों को गलत बोलते हुए नजर आ रहे थे और खुद ही अपनी जीत का और अपने राज तिलक का दावा करने से भी नहीं चुके प्रधानमंत्री