भारतीय सेना की आड़ में देश की सेना के नाम पर फेक वीडियो और झूटी खबरें दिखाकर सेंकी जा रही है राजनितिक रोटियां कमाया जा रहे मोटा धन !
भारतीय सेना की आड़ में देश की सेना के नाम पर फेक वीडियो और झूटी खबरें दिखाकर सेंकी जा रही है राजनितिक रोटियां कमाया जा रहे मोटा धन !
अरुणाचल प्रदेश का तवांग सेक्टर भारत और चीन के बीच टकराव की वजह बन गया है. भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुए भीषण टकराव के चलते सोशल मीडिया पर एक क्लिप वायरल हो रहा है जिसमें भारतीय जवान, चीनी सैनिकों को जमकर पीटते नजर आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो शुक्रवार को हुई हिंसक झड़प का है.
वीडियो के बारे में किया जाने वाला दावा गलत है. यह वीडियो उस दिन का नहीं है. इस वीडियो के बारे में भारतीय सेना की ओर से कुछ भी नहीं कहा गया है. ऐसे कई वीडियो पहले भी गलत दावे के साथ वायरल हो चुके हैं. भारतीय सेना इसका खंडन करती रही है
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प का बताकर एक वीडियो वायरल हुआ है. ये वीडियो कम से कम 2 साल पुराना है और पहले भी ग़लत दावों के साथ शेयर किया जा चुका है. पढ़िये #AltNewsFactCheck | @AbhishekSay https://t.co/rW4HCKvCcJ
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) December 13, 2022
इंडिया टुडे के पत्रकार शिव अरूर ने 17 जून 2020 को ये वीडियो ट्वीट किया था. उन्होंने इसे मई, 2020 के अंत का वीडियो बताया था.
Clearer and clearer that the June 15 bloodbath in Galwan was not spontaneous, but was 100% Chinese premeditated. Spontaneous clashes between India-China troops have never resulted in death or even serious injury, for instance this most recent one from late May in Pangong: pic.twitter.com/0xR1HzEc74
— Shiv Aroor (@ShivAroor) June 17, 2020
इस वीडियो की सच्चाई ये ही की ये वीडियो कम से कम 2 साल पुराना है असल में भारत और चीन के सैनिकों के बीच मई, 2020 में हुई झड़प का है ना की 9 दिसंबर 2022 का
डिस्क्लेमर: यह वीडियो 9 दिसंबर की घटना का है या नहीं. भारतीय सेना द्वारा इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. News Network 24×7 इस वीडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.