खास रिपोर्ट

नहाय-खाय के साथ आज से चार दिवसीय महापर्व छठ शुरू होगा !

नहाय-खाय के साथ आज से चार दिवसीय महापर्व छठ शुरू होगा !

नहाय-खाय के साथ शुक्रवार से चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू होगा। सुबह में व्रती नदी घाटों पर स्नान कर सूर्य भगवान का पूजन करेंगी। सुहागिन महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाएंगी। घर आकर अरवा चावल का भात, सेंधा नमक से अरहर-चना की दाल, कद्दू की सब्जी व अन्य व्यंजन बनाने के बाद भगवान भास्कर को अर्पित कर स्वयं ग्रहण करेंगी। इसके बाद घर के बाकी सदस्य प्रसाद स्वरूप ग्रहण करेंगे।

सुबह में व्रती नदी घाटों पर स्नान कर सूर्य भगवान का पूजन करेंगी.

सुहागिन महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाएंगी. घर आकर अरवा चावल का भात,

सेंधा नमक से अरहर-चना की दाल, कद्दू की सब्जी व अन्य व्यंजन बनाने के बाद

भगवान भास्कर को अर्पित कर स्वयं ग्रहण करेंगी. इसके बाद घर के बाकी सदस्य प्रसाद स्वरूप ग्रहण करेंगे.

पूजा के बाद व्रती ग्रहण करेंगी प्रसाद

शनिवार की शाम खरना पूजन होगा. व्रती मिट्टी के चूल्हे पर साठी चावल की गुर मिश्रित खीर व गेहूं के आटे की रोटी बनाएंगी. इसके बाद केला के पत्ते पर लाल फूल, धूप, दीप के साथ पका केला, खीर व जोड़ा रोटी का प्रसाद अर्पित करेंगी. पूजा के बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करेंगी. इसके बाद घर व पड़ोस में प्रसाद वितरण करेंगी. पं. जयकिशोर मिश्र ने बताया कि खरना पूजन के बाद व्रती शनिवार की रात से 36 घंटे उपवास पर रहेंगी.

रविवार को दिन में छठ का ठेकुआ तैयार करेंगी. दोपहर बाद सूप, दउरा व डगरा में पूजन सामग्री व प्रसाद रखेंगी. आसपास के नदी, तालाब, पोखर या कृत्रिम घाट पर पानी में खड़े होकर छठी मइया का ध्यान करेंगी. पान, सुपारी, लौंग, इलाइची, लाल फूल व साठी चावल की छाप के साथ गागर नींबू, ईख, हल्दी, आदी, मूली, फल, ठेकुआ, मिष्ठान, अरकपात व सिंदूर आदि से भगवान भास्कर को सांयकालीन अर्घ्य देंगी.

मन्नत पूरी होने पर दंड देते जाएंगे व्रती

इस दौरान मन्नत मांगने वाले महिला-पुरुष व्रती संध्या व प्रातरू कालीन अर्घ्य के लिए दंड देते हुए छठ घाट तक पहुंचेंगे. अर्घ्य देने के बाद धूप-दीप अर्पण करेंगे. घाट पर छठ मइया के गीत गाकर आराधना करेंगे. कुछ व्रती कोसी व हाथी रखकर पूजा करेंगे. प्रातरूकालीन अर्घ्य देने से पहले पानी में विसर्जित करेंगे. सोमवार को प्रातःकालीन अर्घ्य देंगे.

छठ पूजा सामग्री

आज छठ पूजा का सामान जैसे टोकरी, सूप ,लोटा, फल, मिठाई, नरियल, गन्ना, सब्जी इकठ्ठा करें.
इसके अलावा दूध-जल के लिए एक ग्लास, शकरकंदी और सुथनी, पान, सुपारी और हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा,
बड़ा मीठा नींबू, सेब , शरीफा, केला और नाशपाती, पानी वाला नारियल, मिठाई, गुड़, गेहूं, चावल और आटे से बना ठेकुआ, चावल,
सिंदूर, दीपक, शहद और धूप नए वस्त्र लेना ना भूलें.
छठ पूजा 2021 का कार्यक्रम
28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार- (नहाय-खाय)
29 अक्टूबर 2022, शनिवार-(खरना)
30 अक्टूबर 2022, रविवार- (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
31 अक्टूबर 2022, सोमवार- (उगते सूर्य को अर्घ्य)

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