केजरीवाल की दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल का काला सच,2015 से मई 2022 के बीच 500 नहीं कुल 63 नए स्कूल खोले हैं, और दो-तिहाई स्कूलों में नहीं पढ़ाई जाती साइंस !
केजरीवाल की दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल का काला सच,2015 से मई 2022 के बीच 500 नहीं कुल 63 नए स्कूल खोले हैं, और दो-तिहाई स्कूलों में नहीं पढ़ाई जाती साइंस !
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के तहत आने वाले सिर्फ एक-तिहाई स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान के विषयों की पढ़ाई होती है. यही नहीं, दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार क्षेत्र में 500 नए स्कूल खोलने के अपने घोषित लक्ष्य से काफी पीछे है. बीते सात साल में उसने राष्ट्रीय राजधानी में 63 नए स्कूल खोले हैं.
शिक्षा विभाग ने सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत दायर आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी है. जवाब के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में मध्य दिल्ली जिले के स्कूलों की स्थिति सबसे खराब है, जहां के 31 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से सिर्फ चार में विज्ञान और 10 स्कूलों में वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई होती है.
आरटीआई के जरिये विभाग से जानकारी मांगी गई थी कि दिल्ली सरकार के तहत आने वाले कुल कितने स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान और वाणिज्य के विषय पढ़ाए जाते हैं तथा सरकार ने फरवरी 2015 से लेकर मई 2022 के बीच कितने नए स्कूल खोले हैं.
शिक्षा विभाग ने अपने जवाब में बताया कि ‘आप’ की सरकार ने फरवरी 2015 से लेकर मई 2022 के बीच कुल 63 नए स्कूल खोले हैं. ‘आप’ ने 2015 के विधानसभा चुनावों के लिए जारी अपने घोषणापत्र में 500 स्कूल खोलने का वादा किया था.
आरटीआई आवेदन पर 326 स्कूलों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है, जबकि अन्य स्कूलों की जानकारी शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट से जुटाई गई है. कुल 838 उच्च माध्यमिक विद्यालयों के
आंकड़े उपलब्ध हुए हैं, जिनमें से सिर्फ 279 स्कूलों में विज्ञान और 674 विद्यालयों में वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई होती है. यानी राष्ट्रीय राजधानी के लगभग 66 फीसदी सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान, जबकि तकरीबन 19 प्रतिशत विद्यालयों में वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई नहीं होती है. दिल्ली सरकार के तहत आने वाले स्कूलों की कुल संख्या 1047 है, जिनमें माध्यमिक और मिडिल स्कूल भी शामिल हैं.
याचिका दायर करने वाले वकील युसूफ नकी ने कहा, ‘मेरी याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा था कि वह करीब 50 स्कूलों में विज्ञान और वाणिज्य के विषयों की पढ़ाई शुरू करने जा रही है. इसके बाद अदालत ने याचिका का निपटान कर दिया था.’