स्वास्थ्य

शहद के चमत्कारिक फायदे, नुकसान और उपयोग ,शहद पर प्रमाणित प्राकृतिक चिकित्सक प्रीति खत्री का विशेष लेख !

शहद के चमत्कारिक फायदे, नुकसान और उपयोग ,शहद पर प्रमाणित प्राकृतिक चिकित्सक प्रीति खत्री का विशेष लेख !

शहद का स्‍वाद मीठा होता है एवं यह अर्ध तरल पदार्थ होता है। दुनियाभर में शहद को स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें अनेक औषधीय गुण मौजूद होते हैं। कई लोग स्‍वीटनर के रूप में शहद का इस्‍तेमाल करते हैं।

शहद बनाने वाली मधुमक्खियों की उत्‍पत्ति अफ्रीका में हुई थी लेकिन ऐसा माना जाता है कि उनका अस्तित्‍व 10 करोड़ वर्ष पुराना है। इसलिए इस बात में कोई दो राय नहीं है कि दुनिया के हर हिस्‍से में शहद का इस्‍तेमाल किया जाता है। लगभग सभी प्राचीन सभ्यताओं की पौराणिक कथाओं और शास्त्रों में शहद का उल्लेख मिलता है। पौष्टिक गुणों के कारण बाइबिल तक में शहद का वर्णन किया गया है।

शहद में आयरन, कैल्शियम, फॉस्फेट, सोडियम, क्लोरिन, पोटेशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है. इसके अलावा शहद में ऐसे विटामिन, मिनरल्स और एंजाइंम्स के गुण भी पाए जाते हैं जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं. औषधीय गुणों से युक्‍त होने के कारण शहद को आयुर्वेद में भी महत्‍वपूर्ण स्‍थान दिया गया है।

आधुनिक युग में भी इस बात को स्‍वीकार किया गया है कि शहद सेहत के लिए अमृत समान होता है। शहद की शुद्धता की पहचान इसके स्‍पष्‍ट और सुनहरी रंग से होती है। ये शहद गहरे रंग के मुकाबले ज्‍यादा महंगा होता है। ये स्‍वाद में भी ज्‍यादा मीठा होता है।

शहद कच्‍चे और संसाधित दोनों रूपों में उपलब्‍ध है। कच्‍चे शहद में सभी तरह के एंजाइम्‍स, परागकण और अन्‍य सूक्ष्म पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं। कच्‍चे शहद को गर्म को इन सब चीजों को निकालकर संसाधित शहद तैयार किया जाता है। संसाधित शहद लंबे समय तक तरल रूप में रहता है जबकि कच्‍चा शहद जल्‍दी गाढ़ा हो जाता है।

शहद के बारे में तथ्‍य:
सामान्‍य नाम: शहद, हनी
संस्‍कृत नाम: मधु
भौगोलिक विवरण: शहद के सबसे बड़े उत्‍पादक देशों में चीन, तुर्की, संयुक्‍त राज्‍य, रूस और भारत का नाम शामिल है।

रोचक तथ्‍य:

अगर शहद को एयरटाइट कंटेनर में भरकर रखा जाए तो इससे ये लंबे समय तक ठीक रहता है और खराब नहीं होता है।

शहद के फायदे–
शहद और नींबू हैं खांसी का इलाज-
कई अध्ययनों से पता चला है कि शहद खांसी के लिए अन्य खांसी की दवाओं की तुलना में कही अधिक कारगर उपाय है। शहद में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। जो कि खराब गले को आराम देते हैं और ऐसे बैक्टीरिया को ख़त्म करने में मदद करते हैं जो संक्रमण का कारण होते हैं। खांसी से जल्दी राहत के लिए, ताज़ा नींबू के रस और शहद के एक बड़े चम्मच का मिश्रण तैयार करें और नियमित अंतराल पर इस घोल को पीते रहें। आप शहद, नींबू का रस और गुनगुने पानी के एक गिलास में नमक की एक चुटकी डालकर भी मिश्रण तैयार कर सकते हैं और इसका इस्तेमाल गरारे करने के लिए कर सकते हैं।

शहद देता है ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा-
शुद्ध शहद में एंजाइम, प्रोटीन, खनिज, और एमिनो एसिड की मात्रा होती है। जो किसी व्यक्ति में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में योगदान कर सकती है। इसके अलावा, कृत्रिम स्वीटर्स के मुकाबले शहद में पाई जाने वाली शर्करा अधिक ऊर्जा (और स्वस्थ होते हैं) प्रदान करती है। एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि शारीरिक व्यायाम के दौरान ऊर्जा के स्तर को बनाये रखने के लिए शहद को ग्लूकोज के स्थान पर प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है।

यह थकान को कम करने के साथ-साथ कम ऊर्जा की समस्या का हल भी करता है। साथ ही शहद शरीर की कुछ मीठे की लालसा को संतुष्ट करता है। इसका मतलब यह है कि आप अतिरिक्त वज़न की चिंता किए बिना शहद का उपयोग कर सकते हैं। अगली बार जब आपका कुछ मीठा खाने का मन हो, तो बस एक चम्मच शहद खाए।

शहद का लाभ पाचन तंत्र के लिए-
शहद एक प्रभावी एंटीबैक्टीरियल है। यह पूरे पाचन तंत्र के लिए लाभकारी है। शहद में मौजूद एंज़ाइम (ग्लूकोज़ ऑक्सीडेस) हाइड्रोजन पेरोक्साइड की कम मात्रा का उत्पादन करता है जो कि गैस्ट्राइटिस का इलाज कर सकता है। शहद मायकोटॉक्सिन्स (fungi द्वारा उत्पादित विषाक्त पदार्थ) के हानिकारक प्रभावों को भी कम कर सकता है और आंत के लिए लाभदायक बैक्टीरिया के स्वास्थ्य में सुधार करता है। इस प्रकार यह पाचन से जुडी कई समस्याओं को कम करने में लाभकारी होता है।

शहद गैस को भी बेअसर करता है, जो अक्सर ज़्यादा खाने की वजह से होती है। भारी भोजन से पहले शहद के एक या दो चम्मच का सेवन पाचन प्रक्रिया में सुधार के लिए सबसे अच्छा तरीका है।

घाव और चोट को ठीक करने में शहद का उपयोग-
प्राचीन मिस्र में त्वचा के घावों और जलन को ठीक करने के लिए शहद का इस्तेमाल किया जाता था और आज भी इसका उपयोग किया जाता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि शहद के घावों का उपचार करने की शक्तियां इसके जीवाणुरोधी और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभावों के साथ-साथ आसपास के ऊतक को पोषित करने की क्षमता से आती हैं। शहद में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक, जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं। ये गुण घाव और चोट को साफ करने में मदद करते हैं। इसके अलावा शहद घाव और चोट को संक्रमण से मुक्त रखता है। गंध और दर्द को कम करता है और तेज़ी से घाव को ठीक करने में मदद करता है। यह मधुमेह के रोगियों में पैर के अल्सर को ठीक करने के लिए उपयोगी माना जाता है।
2015 की एक समीक्षा में, शहद और घाव की देखभाल पर 26 अध्ययनों का मूल्यांकन किया गया था। इस समीक्षा में पाया गया कि सर्जरी के बाद संक्रामन के कारण जलने और घावों की त्वचा की मोटाई को ठीक करने में यह सबसे प्रभावी होता है !

गुनगुने पानी और हल्के साबुन से घाव और चोट की सफाई करने के बाद, प्रभावित क्षेत्र पर शहद लगा लें और एक पट्टी से पूरी तरह प्रभावित क्षेत्र को ढक लें। हर 24 घंटे के बाद पट्टी बदलें। जिन लोगों को एंटीबायोटिक दवाओं से एलर्जी होती है, शहद उनके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
शहद के औषधीय गुण मांसपेशियों की थकान के लिए-
एथलीट अक्सर मांसपेशियों की थकान से ग्रस्त होते हैं, जो उनके प्रदर्शन के स्तर को प्रभावित कर सकता है। लेकिन यह समस्या शहद के साथ आसानी से हल की जा सकती है।
शहद एथलीटों के प्रदर्शन और सहनशीलता के स्तर को बढ़ाता है और मांसपेशियों की थकान को कम कर सकता है। यह शहद में ग्लूकोज़ और फलशर्करा के सही संयोजन के कारण होता है। ग्लूकोज़ तुरन्त शरीर द्वारा अवशोषित हो जाता है और तत्काल ऊर्जा प्रदान करता है जबकि फ्रक्टोज़ धीरे धीरे अवशोषित होता है और शरीर को निरंतर ऊर्जा प्रदान करता है।

शहद के गुण हैं जलने की चोट में असरदार-
आप शहद का उपयोग छोटी सी जलने की चोट पर भी कर सकते हैं। इसके जीवाणुरोधी और फंगसरोधी गुण बैक्टीरिया के विकास को रोक सकते हैं और रोगाणुरोधी गुण संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।
द जर्नल ऑफ क्यूटियंस एंड एस्थेटेटिक सर्जरी ने पांच साल की अवधि में शहद से ड्रेसिंग के साथ दवा से ड्रेसिंग (सिल्वर सल्फाडियाज़िन) के उपयोग की तुलना में एक विश्लेषण के आधार पर एक पेपर प्रकाशित किया। जब जलन के उपचार में लगे समय की तुलना की गई। तो शहद से ड्रेसिंग वाले मरीज़ 18 से 16 दिनों के औसत में ठीक हो गए, वहीँ दवा से ड्रेसिंग वाले लोगों को ठीक होने में 32 से 68 दिन लगे।
शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि शहद से ड्रेसिंग करने से घावों को ठीक होने में कम समय लगा और वे जल्दी ठीक हो गए।
यदि आपको छोटी सी जलने की चोट है, तो बस प्रभावित क्षेत्र पर कच्चे शहद को लगाएं। कुछ ही समय के भीतर आप खुजली की उत्तेजना, जलन और दर्द से राहत महसूस करेंगे। तेज़ी से इलाज के लिए आप शहद को जले हुए क्षेत्र पर दिन में कई बार कई दिनों तक लगाएँ।
ध्यान दें-
शहद का उपयोग केवल कम जले हुए घावों पर ही करें। यदि शरीर का कोई हिस्सा ज्यादा जल गया है तो तुरंत अस्पताल में संपर्क करें।
शहद और दूध के फायदे नींद के लिए-
कई लोगों को सोने में परेशानी होती है। शहद इस समस्या के लिए एक सरल उपाय है। शहद वसा को पचाने वाला कार्बोहाइड्रेट है जो कि इंसुलिन को उत्तेजित करता है और ट्रिप्टोफेन को आसानी से मस्तिष्क में प्रवेश करने की अनुमति देता है।

प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि सोने से ठीक पहले शहद की एक चमच्च का सेवन करना नींद की गुणवत्ता को बढ़ाता सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि लिबर ग्लाइकोजन से भरा होता है। यदि लिवर में ग्लाइकोजन का स्टोर कम हो जाता है, तो लिवर ऊर्जा के लिए ग्लूकोज बनाने के लिए वसा और प्रोटीन को तोड़ने लगती है। यह पूरी प्रक्रिया नींद को आने से रोक सकती है।

ट्रिप्टोफेन एक यौगिक है जो कि हमें अच्छी नींद दिलाता है। शहद और दूध दोनों ट्रिप्टोफेन युक्त खाद्य पदार्थ हैं। इसलिए बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास गर्म दूध के साथ शहद ले।

शहद और मोटापा-

शहद में विटामिन, खनिज और एमिनो एसिड होता है। ये सभी तत्व वसा और कोलेस्ट्रॉल के चयापचय को बढ़ाने के लिए एक साथ काम करते हैं। इससे शरीर के वज़न को बनाए रखने और मोटापे को रोकने में मदद मिलती है। शहद में प्राकृतिक शर्करा का अनूठा संयोजन इसे वजन घटाने के लिए आदर्श भोजन बना सकता है। दिन के दौरान चीनी की जगह शहद का सेवन करना और बिस्तर पर जाने से पहले एक गर्म पेय के साथ एक चम्मच शहद लेना आपके लिए फ़ायदा कर सकता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि शहद में मौजूद शक्कर सफेद शक्कर की तुलना में अलग तरीके से व्यवहार करते हैं।
यह पाया गया है कि सुबह के समय खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी के साथ शहद और नींबू का रस पीने से वज़न कम होता है। ऐसे करने से लिवर की सफाई के साथ विषाक्त पदार्थों को हटाने और शरीर से वसा को बाहर करने में मदद मिलती है।


शहद के फायदे चेहरे पर-

शहद के रोगाणुरोधी और फंगसरोधी गुणों के कारण यह स्वस्थ और चमकदार त्वचा पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ घटक माना जाता है। हर दिन चेहरे पर शहद लगाना त्वचा के लिए लाभदायक हो सकता है। शहद के मास्क का उपयोग मुँहासे और काले धब्बे के इलाज में सहायता कर सकता है। यह त्वचा की अन्य परेशानियों के लिए भी लाभकारी होता है।
मुँहासे कम करता है-
शहद एक सफाई एजेंट की तरह कम करके त्वचा की छिद्रों से अशुद्धियों को अवशोषित करता है। शहद एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक भी है इसलिए यह त्वचा को संक्रमण से बचाता है और मुँहासो को कम करता है।
झुर्री का इलाज करने में मदद करता है-
हनी एक प्राकृतिक हुमेक्टैंट है। जो त्वचा की शीर्ष परतों की नमी बनाए रखता है। यह अतिरिक्त नमी झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, शहद के एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा की उम्र देरी से बढ़ने में मदद करते हैं।
होंठों को नरम बनाए रखता है-
होंठ शुद्ध शहद का उपयोग करने से उसे नरम बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसके लिए सोने से पहले होंठों पर बस कुछ शहद लगाकर रात भर छोड़ दें।
त्वचा को साफ़ रखने में मदद करता है-
शहद त्वचा में मौजूद प्राकृतिक तेलों को कोई भी नुकसान पहुचाये बिना त्वचा से गंदगी और प्रदुषण के कर्ण को हटाने में मदद करता है।
इसके लिए रात को सोने से पहले चेहरे पर शहद लगा लें और अगली सुबह इसे गुनगुने पानी से धो लें। कई दिनों के लिए इस सरल उपाय का पालन करें। इससे जल्दी ही आपकी त्वचा साफ और चमकदार बन्ने लगेगी। शहद एक्जिमा, दाद और सोरायसिस जैसे अन्य त्वचा के विकारों के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। शहद त्वचा की सूजन और सूखेपन को भी दूर कर सकता है।
शहद करता है रक्त शर्करा को नियंत्रित-
शहद मीठा होता है, लेकिन शुगर से पीड़ित लोग भी बिना किसी समस्या के इसका मज़ा ले सकते हैं। वास्तव में, शहद फलशर्करा और ग्लूकोज़ के संयोजन के कारण रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। शहद के कुछ प्रकारों में कम हाइपोग्लाइसेमिक (कम रक्त शर्करा) सूचकांक हैं। इसका मतलब यह है कि जब इस तरह के शहद का सेवन किया जाता है, यह आपके रक्त में शर्करा के स्तर को तेज़ी से बढ़ने नहीं देंता है।
टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित लोगो को दिन में शहद का एक बड़ा चम्मच खाना चाहिए। साथ ही शहद में खनिज, विटामिन और इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण अत्यधिक फायदेमंद हैं। इसके अलावा, चीनी की तुलना में मीठे के रूप में शहद का उपयोग किया जा सकता है।

शहद के फायदे बालों के लिए-

शहद के गुण बालों और सिर की त्वचा से सम्बंधित कई परेशानियों को कम करने में मदद करते हैं। शहद बालों के विकास में भी मदद करता है।
बालों के विकास में मदद करता है- ऐसा माना जाता है की शहद बालों के बढ़ने में भी सहायता कर सकता है। हालांकी इस विषय पर कोई शोध नहीं की गयी है। बालों को झड़ने से रोकने और बालों को मजबूत करने के लिए आप शहद को जैतून के तेल के साथ मिला सकते हैं। जैतून के तेल को हल्का गर्म करें और उसमें 2 चम्मच शहद मिलाए इसके साथ आप चाहे तो एक अंडा भी मिला सकते हैं। अब इनके मिश्रण को अच्छे से घोल ले और गीले बालों पर लगाए। इसे लगभग 15 मिनट तक छोड़ दें और फिर सामान्य रूप से अपने बालों को शैंपू करें।

सिर की त्वचा की सफ़ाई के लिए-
1 चम्मच कच्चे शहद को 3 बड़े चम्मच फ़िल्टर किए गए पानी के साथ मिलाएं। अपने बालों को गीला करें और इस मिश्रण के कुछ बूंदों से अपने सिर में मालिश करें और फिर सिर को अच्छी तरह धो लें। इस से आपके सर की त्वचा को साफ़ रखने में मदद मिल सकती है।
शहद के नुकसान-
इन सभी स्वास्थ्य लाभ के कारण, शहद को अपनी आहार योजना में शामिल करना अच्छा है। लेकिन शहद को अनुचित मात्रा में प्रयोग करने पर इसके कुछ नुकसान भी है जिन्हे ध्यान में रखना जरुरी है।
एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे शिशु बोटुलिज़्म हो सकता है। इसका अर्थ है की शिशु के शरीर में विषाक्तता हो जाती है जिससे उनकी मांसपेशियाँ कमज़ोर हो जाती हैं और उन्हें साँस लेने में भी परेशानी होती है।

शहद की अत्यधिक मात्रा गंभीर पेट की परेशानी का कारण बन सकता है। फ्रुक्टोज़ से युक्त होने के कारण, यह आपकी छोटी आंत के पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता को बाधित कर सकता है।
यह आपकी जठरांत्र प्रणाली पर भी दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ सकता है और कई गैस्ट्रिक मुद्दों का कारण बन सकता है जैसे सूजन, गैस, ऐंठन आदि। कभी-कभी यह दस्त या पेट की ख़राबी जैसी गंभीर स्थिति की ओर भी ले जाता है।
कच्चे शहद का सेवन हल्की एलर्जी भी दे सकता है। यह फूलों का असंसाधित अमृत है जिसमें पराग, कीटनाशक और अन्य रसायन हो सकते हैं। इसका प्रत्यक्ष उपभोग एलर्जी के लक्षणों जैसे सूजन, खुजली, चकत्ते, पित्ती, खाँसी, दमा, श्वास की मुसीबतें, निगलने में कठिनाई का कारण बन सकता है।
कच्चे शहद में ग्रायनोटौक्सिन्स नामक रासायनिक यौगिक होते हैं जो हमारे तंत्रिका तंत्र के लिए ज़हरीले होते हैं। सामान्य रूप में, यह विषाक्त पदार्थ पाश्चराइज़ेशन के दौरान भोजन से निकल जाते हैं। लेकिन जब कच्चे शहद का सेवन किया जाता है, वे हमारी तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे हमारे तंत्रिका तंत्र की सामान्य गतिविधियों पर असर हो सकता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, शहद में 82% चीनी (ग्लूकोज और फ्रुक्टोज प्राकृतिक शर्करा) होती है। इसका मतलब है कि शहद का 1 बड़ा चम्मच हमें चीनी के लगभग 17 ग्राम दे सकता है। बड़ी मात्रा में हर दिन इसे लेने से हमारे मुंह के अंदर बैक्टीरियल गतिविधिया बढ़ती है। इसकी खपत से काफी हद तक दाँत क्षय हो सकता है। आप अपने दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और मौखिक गुहा को रोकने के लिए शहद का सेवन नियंत्रित मात्रा में करें।

शहद की पहचान कैसे करें-

एक काँच के गिलास में पानी लें और उसमें एक चम्मच शहद मिला लें। अगर शहद पानी में घुल जाएगा, तो वह मिलावटी है। अगर वह सतह पर बैठ जाएगा, तो वो असली है।
नियंत्रित रूप से शहद का सेवन करें और इसके अनेकों स्वास्थ्य लाभों का आनंद उठायें।
शहद की तासीर-
शहद की तासीर गर्म होती है। इसमें औषधीय गुण पाए जाते है जिस कारण यह स्वास्थ को कई परेशानियों से बचता है। शहद की तासीर गर्म होने कारण यदि इसका अधिक मात्रा में सेवन करने पर दस्त जैसी पेट समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
शहद के प्रकार-
कच्चा शहद-
कच्चा शहद, शहद का सबसे शुद्ध रूप है जो अनियंत्रित, गरम न किया हुआ, अनैच्छिक होता है और आवश्यक पोषक तत्वों से भरा होता है। कच्चे शहद को किसी भी रसायन के स्वादपूर्ण रहित माना जाता है। स्वास्थ्य, उपचार, धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराओं के लिए कच्चा शहद अच्छा माना जाता है। दुकानों में, कच्चा शहद तरल, ठोस या क्रीमयुक्त शहद (जो क्रिस्टलाइजेशन के कारण होता है) के रूप मिलता है। अधिकतर शहद का रंग उस प्रकार के फूलों पर निर्भर करता है जिस से इसे बनाया जाता है। आमतौर पर कच्चे शहद में मधुमक्खी के पराग और मधुकोश के टुकड़े मिलते हैं। कच्चे शहद में कई स्वास्थ लाभ होते हैं।

जैविक शहद-

जैविक शहद, शहद का एक प्राकृतिक, स्वस्थ और पर्यावरण अनुकूल रूप है। जैविक शहद में कीटनाशक या बायोइंजिनियर सिंथेटिक उत्पादों का कोई प्रबंधन नहीं है। यह शहद प्राकृतिक स्थानों में स्थित मधुमक्खियों से निकाला जाता है। जैविक शहद में बाजार में आसानी से उपलब्ध कारखाने में उत्पादित बोतलबंद शहद की तरह उनमे पाए जाने वाले कीटनाशकों या अन्य विषाक्त पदार्थों के अवशेष नहीं होते हैं। इसके अलावा जैविक शहद रासायनिक परीक्षण की एक कठोर प्रक्रिया से गुजरता है ताकि इसमें कोई अशुद्धि न हो। जैविक शहद में अधिक चीनी और अन्य एंटीबायोटिक्स गुण नहीं होता है। जैविक शहद को स्वास्थ के लिए लाभकारी माना जाता है इसमें कई प्रकार के पौषक तत्व होते हैं।
इसके अलावा शहद कई प्रकार का होता है। शहद का रंग और स्वाद मधुमक्खियों द्वारा फूलों से इक्क्ठा किए गए मधु के आधार पर भिन्न होता है। वास्तव में, संयुक्त राज्य अमेरिका में ही 300 से अधिक अद्वितीय प्रकार के शहद उपलब्ध हैं, प्रत्येक एक अलग पुष्प स्रोत से उत्पन्न होते हैं।

शहद का उपयोग कैसे करें-
आप शहद का कई प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। जैसा की हम जानते हैं शहद औषधीय गुणों के कारण शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। आप इसे अपने भोजन में निम्न तरीको से शामिल कर सकते हैं।
आप चीनी के स्थान पर अपनी चाय में शहद डाल सकते हैं।
आप एक सलाद ड्रेसिंग के रूप में शहद का उपयोग कर सकते हैं।
टोस्ट या पेनकेक्स के साथ शहद का सेवन किया जा सकता है।
अधिक प्राकृतिक स्वीटनर के लिए अनाज, या दलिया में शहद मिलाएं।
टोस्ट और मूंगफली के मक्खन के साथ कच्चे शहद का उपयोग कर सकते हैं।
आप शहद को पानी में मिला कर इसका सेवन कर सकते हैं।
इन सभी तरीको के अलावा शहद का प्रयोग कर आप व्यंजनों का स्वाद बढ़ा सकते हैं या फिर नए व्यंजन बना सकते हैं। आप शहद को मिलाकर फेस पैक भी बना सकते हैं।

शहद के अन्य फायदे-
शहद अपनी औषधीय गुणों के कारण स्वस्स्थ के लिए बहुत ही लाभकारी है इसके शरीर के लिए कई फायदे है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है-
डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के मुताबिक शहद में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा अधिक होती है। इसका रोजाना उपयोग करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता लम्बे समय तक बनी रहती है। यही कारण है कि शहद को सर्वोत्तम प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है।
मसूड़ों की परेशानी को कम करता है-
शहद के एंटी-बैक्टीरिया और संक्रमण रोधी गुण घावों के उपचार में मदद करते हैं। शहद के नियमित उपयोग से दांत और मसूड़ों की बीमारियों जैसे जीनिंगविटाइट, रक्तस्राव और प्लेक को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
मष्तिष्क को स्वस्थ बनाने में मदद करता है-
शहद में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स और चिकित्सीय गुण होते हैं। जो मस्तिष्क के कोलिनेर्जिक सिस्टम और परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करते हैं और मष्तिष्क को स्वस्थ बनाये रखते हैं।
एक्जिमा और खुजली की परेशानी कम करता है-
शहद गंदगी को हटाने और त्वचा को नरम बनाकर प्राकृतिक रूप से त्वचा की सफाई करने वाले पदार्थ के रूप में कार्य करता है।

नाखून स्वास्थ्य में सुधार करता है-
एक अध्ययन से पता चलता है कि शहद नाखून के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है और टोनेल फंगस का इलाज करने में मदद कर सकता है। हालांकि इस विषय पर अधिक शोध की आवश्यकता है।
दिल-
दिल की सेहत के लिए शहद को बहुत गुणकारी माना जाता है. शहद को दालचीनी में मिलाकर पीने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम किया जा सकता है. इससे दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है. 

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