आंवला या अमृतफल ? जानिये आंवले से जुडी बेहद रोचक जानकारी ! लेख साभार प्रीति खत्री
आंवला या अमृतफल ? जानिये आंवले से जुडी बेहद रोचक जानकारी ! लेख साभार प्रीति खत्री
आयुर्वेद के अनुसार, आंवला एक ऐसा फल है, जिसके अनगिनत लाभ हैं। आंवला ना सिर्फ त्वचा, और बालों के लिए फायदेमंद है, बल्कि कई तरह के रोगों के लिए औषधि के रूप में भी काम करता है। आंवला का प्रयोग कई तरह से किया जाता है, जैसे- आमला जूस, आंवला पाउडर, आंवला अचार आदि। आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल, और न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं, जो आंवला को अनमोल गुणों वाला बनाते हैं।
आंवला क्या है?
आंवला को आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल कहा गया है। वैदिक काल से ही आंवला का प्रयोग औषधि के रूप में किया जा रहा है।
पेड़-पौधे से जो औषधि बनती है उसको काष्ठौषधि कहते हैं और धातु-खनिज से जो औषधि बनती है उनको रसौषधि कहते हैं। इन दोनों तरह की औषधि में आंवला का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि आंवला को रसायन द्रव्यों में सबसे अच्छा माना जाता है यानि कहने का मतलब ये है कि जब बाल बेजान और रूखे-सूखे हो जाते हैं तब आंवला का प्रयोग करने पर बालों में एक नई जान आ जाती है। आंवला का पेस्ट लगाने पर रूखे बाल काले, घने और चमकदार नजर आने लगाते हैं।
चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए अमला का उल्लेख मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है. इसे अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला का उपयोग किया जाता है। इसे कई जगहों पर अमला नाम से भी जाना जाता है।
आंवला के फायदे
आंवला के प्रयोग से अनगिनत फायदे होते हैं। आंवला खून को साफ करता है, दस्त, मधुमेह, जलन की परेशानी में लाभ पहुंचाता है। इसके साथ ही यह जॉन्डिस, हाइपर-एसिडिटी, एनीमिया, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की समस्या), वात-पित्त के साथ-साथ बवासीर या हेमोराइड में भी फायदेमंद होता है। यह मल त्याग करने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। यह सांसों की बीमारी, खांसी और कफ संबंधी रोगों से राहत दिलाने में सहायता करता है। अमला आंखों की रोशनी को भी बेहतर करता है। अम्लीय गुण होने के कारण यह गठिया में भी लाभ पहुंचाता है।
आंवला शरीर के पित्त, वात और कफ को संतुलित करने में मदद करता है। आंवला, पीपल और हरड़, सभी तरह के बुखार से राहत दिलाने में सहायता करता है। यह दर्द निवारक दवा के रूप में भी काम करता है।
बालों की समस्या में आंवले के फायदे !
सफेद बालों की समस्या से हर उम्र के लोग जूझ रहे हैं। आंवला के मिश्रण का लेप लगाने से कुछ ही दिनों में बाल काले हो जाते हैं। 30 ग्राम सूखे आंवला, 10 ग्राम बहेड़ा, 50 ग्राम आम की गुठली की गिरी और 10 ग्राम लौह भस्म लें। इन्हें रात भर लोहे की कढ़ाई में भिगोकर रखें। अगर कम उम्र में बाल सफेद हो रहे हैं तो इस लेप को रोज लगाएं। कुछ ही दिनों में बाल काले होने लगते हैं।
आंवला, रीठा और शिकाकाई को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसे बालों में लगायें। सूखने के बाद पानी से बालों को धो लें। इससे बाल मुलायम, घने और लंबे होते हैं।
आंवले का फल, आम की गुठली के मज्जा को एक साथ पीस लें। इसे सिर पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बाल काले हो जाते हैं।
लौह भस्म और आमला चूर्ण को गुड़हल फूल के साथ पीस लें। इसे नहाने से पहले सिर में कुछ देर लगाकर रखें, और फिर पानी से धो लें। इससे बाल सफेद नहीं होते हैं।
मोतियाबिंद में अमला के फायदे
आमतौर पर उम्र के बढ़ने के साथ कई लोगों को मोतियाबिंद की परेशानी होने लगती है। इससे बचने के लिए आंवला के साथ रसांजन, मधु और घी मिला लें। इस मिश्रण को आंखों में लगाने से आंखों के पीलेपन और मोतियाबिंद में फायदा मिलता है
आंखों की बीमारी में आंवला के फायदे
आंवले के 1-2 बूंद रस को आंखों में डालने से आंखों के दर्द से राहत मिलती है।
आंवले के बीज को घिसकर आंखों में लगाने से आंखों के रोग में फायदा पहुंचता है।
अपांप्म, आंवले का रस, धाय के फूल, नीलाथोथा तथा खपरिया तुत्थ को नींबू के रस से मिला लें। इसकी गोली बनाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों के अनेक रोग ठीक होते हैं।
7 ग्राम आंवले को जौ के साथ कुटकर ठंडे पानी में भिगो लें। दो-तीन घंटे बाद आंवलों को निचोड़ कर निकाल लें। इसी पानी में फिर से दूसरे आंवला को ऐसे ही भिगो दें। दो-तीन घंटे बाद फिर निचोड़ कर निकाल लें। इस तरह तीन-चार बार करें। इस पानी को आंखों में डालने से आँखों की सूजन कम होती है।
आंवले के पत्ते और फल का मिश्रण आंखों में लगाएं। इससे आंख आने की परेशानी से राहत मिलती है।
आंवले को पीसकर पेस्ट बना लें, और उसकी पोटली बनाकर आंखों पर बांधें। इससे पित्त दोष के कारण होने वाली आंखों की खुजली, जलन आदि की परेशानी में लाभ मिलता है।
नाक से खून बहने की समस्या में फायदेमंद आंवला
नाक से खून बहने की समस्या अनेक कारणों से हो सकती है। इसमें आंवला फायदेमंद होता है। जामुन, आम तथा आंवले को कांजी आदि के साथ बारीक पीस लें। इसे मस्तक पर लेप करने से नकसीर (नाक से खून बहने की समस्या) में लाभ होता है।
गले की खराश में आंवला के फायदे
जब भी मौसम बदलता है तो आमतौर पर गले में खराश की परेशानी होने लगती है। ऐसे में आमला चूर्ण काफी फायदेमंद है। अजमोदा, हल्दी, आंवला, यवक्षार तथा चित्रक को समान मात्रा में मिला लें। 1 से 2 ग्राम आमला चूर्ण को 2 चम्मच मधु तथा 1 चम्मच घी के साथ चाटें। इससे गले की खराश दूर होती है।
अपच में लाभकारी आंवला
कई बार असमय खाने या कुछ भी गलत खा लेने पर अपच या इंडाइजेशन हो जाता है। इसके लिए आंवला को पका लें। इसमें उचित मात्रा में काली मिर्च, सोंठ, सेंधा नमक, भूना जीरा और हींग मिला लें। इसे छाया में सुखाकर सेवन करने से भूख लगती है, तथा कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।