अगर काम किए होते तो “अब्बा, अब्बा” चिल्लाना नहीं पड़ता- असदुद्दीन ओवैसी
योगी के अब्बा जान वाले बयान पर घमासान उत्तर प्रदेश के योगी के पास किसी मुहल्ले की सड़क तक नहीं विकास के नाम पर बताने को !
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब्बा जान वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर घमासान मच गया है। बीते रविवार को कुशीनगर और संत कबीर नगर जिले में करोड़ों रुपये की परियोजना का शिलान्यास और उद्धाटन करने पहुंचे !
योगी आदित्यनाथ ने कहा था, पीएम मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। हर गरीब को शौचालय दिया गया। क्या शौचालय देने के लिए किसी का चेहरा देखा गया? अब राशन मिल रहा है न? क्या 2017 से पहले भी मिलता था? तब तो अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे। तब कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था। कुछ लोगों का कहना है कि योगी अपने इस बयान के द्वारा सांप्रदायिक भावनाओं को भड़का रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर कई विपक्षी दल के नेताओं ने भी इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, “मैं हमेशा से जानता हूं कि बीजेपी के पास इलेक्शन लड़ने के लिए सांप्रदायिकता और मुसलमानों के लिए नफरत के अलावा कोई अजेंडा नहीं है। यहां एक सीएम खुद को दोबारा चुने जाने के लिए दावा कर रहा है कि जो राशन हिंदुओं के लिए था, उसे मुसलमान खा गए”
I’ve always maintained the BJP has no intention of fighting any election with an agenda other than blatant communalism & hatred with all the venom directed towards Muslims. Here is a CM seeking re-election claiming that Muslims ate up all the rations meant for Hindus. https://t.co/zaYtK43vpd
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 12, 2021
दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी हैं ओवैसी ने ट्वीट कर कहा “अगर काम किए होते तो “अब्बा, अब्बा” चिल्लाना नहीं पड़ता”
कैसा तुष्टिकरण? प्रदेश के मुसलमानों की साक्षरता-दर सबसे कम है, मुस्लिम बच्चों का Dropout rate सबसे ज़्यादा है। मुस्लिम इलाक़ों में स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाते।अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार से बाबा की सरकार को ₹16207 लाख मिले थे, बाबा ने सिर्फ ₹1602 लाख खर्च किया। 1/ https://t.co/Vnl5s8Axm5
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 13, 2021
ग्रामीण उत्तर प्रदेश में 13944 sub-centres की कमी है, 2936 PHC की कमी है, 53% CHC की कमी है। केंद्र सरकार के मुताबिक़ बाबा-राज में उ.प्र के PHC में सबसे कम डॉक्टर मौजूद हैं। कुल 2277 डाक्टरों की कमी है। अगर काम किए होते तो “अब्बा, अब्बा” चिल्लाना नहीं पड़ता। 3/
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 13, 2021