उत्तरप्रदेश

नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 84 गिरफ्तार; अमेरिकी नागरिकों को बनाते थे निशाना

नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 84 गिरफ्तार; अमेरिकी नागरिकों को बनाते थे निशाना

उत्तर प्रदेश के नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर खोलकर अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाली कंपनी का पुलिस ने खुलासा किया है। कोतवाली फेज-1 की पुलिस ने इस मामले में 84 महिलाओं और पुरुषों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से 150 कंप्यूटर सेट, मोबाइल और 20 लाख रुपये की नकदी बरामद की है।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी कॉल सेंटर से सोशल सिक्योरिटी नंबर (एसएसएन) के गलत इस्तेमाल के नाम पर धमकी देकर पैसे वसूलते थे। कॉलर खुद को अमेरिका के सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेटिव बताते थे। एसएसएन नंबर का मतलब सोशल सिक्योरिटी नंबर होता है। यह अमेरिकी लोगों का पहचान पत्र है। जैसे भारत में आधार नंबर होता है। वैसे ही अमेरिका में एसएसएन नंबर है।

इस नंबर से अमेरिकी नागरिकों की बैंक डिटेल्स, घर, वाहन नंबर, मोबाइल से लेकर अन्य सभी तरह की पहचान होती है। आरोप है कि कॉल सेंटर के कर्मचारी अमेरिकी नागरिक को डराकर पेमेंट देने की बात कहते थे। इसके लिए आरोपी उनसे प्ले स्टोर कार्ड खरीदने के लिए कहते थे। इस कार्ड को खरीदने के बाद इसे स्क्रैच कर 16 डिजिट का नंबर पूछते थे। इसके बाद इस नंबर को चीन, यूएसए व दुबई में बैठे लोगों के पास भेजकर इसे कैश कराते थे और उन्हीं के माध्यम से हवाला के जरिये पैसा भारत पहुंचता था। गिरफ्तार लोगों में दो फर्जी कॉल सेंटर के मालिक और बाकी कर्मचारी हैं।

 

कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों को कॉल सेंटर के बारे में पूरी जानकारी थी। उन्हें पता था कि उनके मालिक अवैध रूप से उनसे पैसा बनवा रहे हैं। इसके बावजूद लालच के चलते वह काम कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि अमेरिकी नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी नंबर बंद होने की बात बताकर उसे ठीक करवाने के बहाने ठगी करते थे।

 

पुलिस ने जब कंपनी की छानबीन की तो सभी कर्मचारियों के पास से स्क्रिप्ट मिली, जो अंग्रेजी में लिखी हुई थी। वह इसी स्क्रिप्ट का यूज करके विदेशी नागरिकों को अपने झांसी में लेते थे और लाखों रुपए ठग लेते थे। स्क्रिप्ट में वह कभी किसी से सोशल सिक्योरिटी का डर दिखाते तो किसी से गाड़ी किसी गलत काम में पकड़ी गई है, यह आपके नाम पर है। यह कहकर उनसे उनकी प्राइवेट इनफॉरमेशन निकालकर ठग रहे थे।

 

स्क्रिप्ट के बारे में पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि इसी के माध्यम से वह अमेरिकी नागरिकों को अपने झांसे में लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड बदले क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से पैसे लेते थे। ऑफिस में सभी लोग कॉलिंग एजेंट बनकर अमेरिकी नागरिक को कॉल करते थे, जिन्हें सोशल सिक्योरिटी नंबर से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का डर दिखाकर क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से पैसे की ठगी करते थे।

 

अमेरिकी नागरिकों के पैसे देने से मना करने पर सोशल सिक्योरिटी नंबर सस्पेंड करने और अरेस्ट वारंट जारी करने का खौफ दिखाते थे। इसके बाद उनसे गिफ्ट वाउचर खरीदवाकर वसूली करते थे। फेज-1 कोतवाली पुलिस की 84 लोगों की गिरफ्तारी नोएडा में अब तक की दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले दिसंबर 2018 में फेज-3 कोतवाली पुलिस की ओर से गिरफ्तारी की गई थी।

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