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लोकसभा में आज पेश होगा दिल्ली सेवा बिल,अमित शाह करेंगे बिल को पेश ,सदन में हंगामें के आसार !

लोकसभा में आज पेश होगा दिल्ली सेवा बिल,अमित शाह करेंगे बिल को पेश ,सदन में हंगामें के आसार !

सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा. मणिपुर के मुद्दे के बीच लोकसभा में इस बिल को पेश किये जाने पर हंगामे के आसार हैं. लोकसभा में पेश किये जाने से पहले इस बिल को सभी सांसदों को सर्कुलेट कर दिया गया. यही वह बिल है जो पारित होने के बाद दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग संबधी अधिकार केंद्र सरकार को देगा.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 में दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्तियों और पोस्टिंग के लिए 19 मई को घोषित अध्यादेश के समान प्रावधान होंगे. विधेयक के अनुसार, दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के सभी स्थानांतरण और पोस्टिंग दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार को सौंपने के एक सप्ताह बाद केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली अध्यादेश जारी किया गया था.

“संविधान के अनुच्छेद 239AA के प्रावधानों के पीछे के इरादे और उद्देश्य को प्रभावी बनाने की दृष्टि से, एक स्थायी प्राधिकरण, जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ-साथ मुख्य सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार और प्रमुख सचिव करेंगे.” विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, गृह, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का गठन स्थानांतरण, पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य मामलों से संबंधित मामलों के संबंध में उपराज्यपाल को सिफारिशें करने के लिए किया जा रहा है.

राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के पास दिल्ली सरकार में सेवारत सभी समूह ‘ए’ अधिकारियों (आईएएस) और DANICS (दादरा और नगर हवेली सिविल सर्विसेज) के अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग की सिफारिश करने की जिम्मेदारी होगी.

इसमें कहा गया है कि इससे केंद्र सरकार के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार में विश्वास रखने वाले लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति के लिए राजधानी के प्रशासन में दिल्ली के केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के हित के साथ राष्ट्र के हित को संतुलित किया जा सकेगा. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के प्रशासन और शासन में उच्चतम संभव मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल इसी बिल को पारित ना होने दिए जाने के लिए देश के तमाम सियासी दलों से समर्थन जुटा रहे थे. दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण के गठन को अनिवार्य करने वाले अध्यादेश को बदलने के लिए मसौदा विधेयक तैयार है. जिसे लोकसभा में पेश किये जाने से पहले सभी सांसदों को वितरित कर दिया गया.

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