मोदी ने किया राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान ? क्या मोदी सरकार ने जानबूझकर की राष्ट्रीय प्रतीक के साथ छेड़छाड़ ?
राष्ट्रीय प्रतीक ‘अशोक स्तंभ’ के शेर गुर्राने कब से लगे ?
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक ‘अशोक स्तंभ’ का अनावरण किया. इसे ‘संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन’ करार देते हुए देश में एक नयी बहस छिड़ गयी है ,लोग इसे संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन और देश के राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान का अपमान बता रहे है !
इसी मुद्दे पर हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर
कहा है, संविधान- संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है. सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था.’
अनावरण कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी के बारे में ओवैसी ने कहा, ‘लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता है, जो सरकार के अधीन नहीं है. प्रधानमंत्री ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है.
Constitution separates powers of parliament, govt & judiciary. As head of govt, @PMOIndia shouldn’t have unveiled the national emblem atop new parliament building. Speaker of Lok Sabha represents LS which isn’t subordinate to govt. @PMOIndia has violated all constitutional norms pic.twitter.com/kiuZ9IXyiv
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 11, 2022
वंही सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे राष्ट्रीय प्रतीक के साथ छेड़छाड़ का मामला भी बता रहे है ?