राष्ट्रीय
वित्त वर्ष 2021-22 के अंत यानी मार्च 2022 तक 42 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा अडानी ग्रुप का क़र्ज़ ,भारत के रिजर्व का लगभग आधा पैसा देश की एक कंपनी के हाथों में
भारत के रिजर्व का लगभग आधा पैसा देश की एक कंपनी के हाथों में
वित्त वर्ष 2021-22 में अडानी समूह का संयुक्त कर्ज़ा 40.5 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.21 लाख करोड़ रुपये हो गया है पिछले वित्त वर्ष में यह 1.57 लाख करोड़ रुपये था।
द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट के आंकड़ों के मुताबिक, समूह की कंपनियों में कर्ज में सबसे ज्यादा वृद्धि इसकी प्रमुख इकाई अडानी एंटरप्राइजेज में दर्ज की गई, जो साल-दर-साल 155 प्रतिशत बढ़कर 2021-22 में 41,024 करोड़ रुपये हो गई।
भारत का कुल रिजर्व ही 4.7 ट्रिलियन रुपये का है जबकि 2.2 ट्रिलियन का कर्ज जहां मात्र अडानी की कंपनी के पास है इसका सीधा मतलब यह हुआ है कि भारत के रिजर्व का लगभग आधा पैसा देश की एक कंपनी के हाथों में गया है। ऐसे में अगर अडानी भारत छोड़कर भाग गये तो देश सड़क पर आ जायेगा, जिसे संभालना मुश्किल ही नहीं असंभव हो जायेगा। यानी श्रीलंका से भी बदतर हालात हो जायेंगे हमारे देश के।