मध्य प्रदेश में 3 मई से केंद्र की तर्ज पर डीएसीपी लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर जाएंगे 10 हजार सरकारी डॉक्टर्स, स्वास्थ्य सेवाएं हो जाएंगी ठप !
मध्य प्रदेश में 3 मई से केंद्र की तर्ज पर डीएसीपी लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर जाएंगे 10 हजार सरकारी डॉक्टर्स, स्वास्थ्य सेवाएं हो जाएंगी ठप !
मध्यप्रदेश में एक बार फिर से स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ सकती हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, प्रदेश के लगभग 10 हजार से अधिक डाक्टर तीन मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। इसमें उनका साथ नर्सिंग स्टाफ भी देगा, ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ सकती हैं।
बता दें कि अपनी मांगें पूरी न होने से प्रदेशभर के डाक्टर नाराज चल रहे हैं। इससे वह फिर से आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। इसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए रविवार को इंदौर शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी 52 जिला अस्पतालों, 19 मेडिकल कालेजों के लगभग 110 प्रतिनिधि शामिल थे और 70 प्रतिनिधियों ने आनलाइन हिस्सा लिया
डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार के साथ 31 मार्च को बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर सहमति बन गई थी. सरकार की ओर से सहमति तो जताई गई थी लेकिन सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी नहीं किया. सूबे के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत करीब 15 हजार डॉक्टर्स ने इसी के विरोध में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है डॉक्टर्स की मांग
1. केंद्र सरकार, बिहार और अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के चिकित्सकों के लिए DACP योजना का प्रावधान हो.
2. स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और ईएसआई की वर्षों से लंबित विसंगतियां दूर की जाएं.
3. चिकित्सकीय विभागों में तकनीकी विषयों पर प्रशासनिक अधिकारियों का हस्तक्षेप दूर किया जाए.
4. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत संविदा चिकित्सकों (MBBS) की MPPSC के माध्यम से की जाने वाली नियुक्ति/ चयन प्रक्रिया में प्रतिशत परिधि को समाप्त कर संशोधन किया जाए.
5. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के ग्रेजुएशन के बाद ग्रामीण सेवा बॉन्ड राशि को कम किया जाए और ट्यूशन फीस भी कम की जाए जो देश में सबसे अधिक है.
6. विभाग में कार्यरत समस्त बंधपत्र चिकित्सकों का वेतन समकक्ष संविदा चिकित्सकों के समान किया जाए.