महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी पर उठाए सवाल, कमेटी के अध्यक्ष सांसद विनोद कुमार सोनकर पर अनैतिक सवाल पूछने के आरोप !
रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में जांच की आंच का सामना कर रहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी पर ही सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष सांसद विनोद कुमार पर अनैतिक सवाल पूछने के आरोप लगाए हैं। इधर, ताजा घटनाक्रम को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी का दौर शुरू हो गया है। जानते हैं कि आखिर एथिक्स कमेटी क्या है और इसके सदस्य कौन हैं।
लोकसभा आचार समिति की बैठक में अध्यक्ष और सदस्यों ने महुआ मोइत्रा से शर्मनाक और निजी सवाल पूछे#MahuaMoitra pic.twitter.com/VkUov5GhjY
— News Network 24×7 (@24x7_network) November 3, 2023
वर्तमान में लोकसभा एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष भाजपा कौशांबी से सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं। इसी के साथ इनमें भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, डॉ. राजदीप रॉय, सुनीता दुग्गल और सुभाष भामरे; कांग्रेस के वी वैथिलिंगम, एन उत्तम कुमार रेड्डी, बालाशोवरी वल्लभनेनी, और परनीत कौर; शिवसेना के हेमंत गोडसे; जद (यू) के गिरिधारी यादव; सीपीआई (एम) के पीआर नटराजन और बीएसपी के दानिश अली समिति के सदस्य हैं।
My letter emailed to the Honourable @loksabhaspeaker pic.twitter.com/2wGlWTTej6
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) November 2, 2023
लोकसभा एथिक्स कमेटी क्या है?
लोकसभा एथिक्स कमेटी सांसदों के नैतिक आचरण की निगरानी के लिए बनाई गई समिति है। यह 2015 में अस्तित्व आई थी। इसे लोकसभा का स्थायी हिस्सा भी बनाया गया है। यह एक वर्ष की अवधि के लिए होती है। इसमें 15 सदस्य होते हैं। आचार समिति के सदस्यों की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा होती है।
महुआ मोइत्रा ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा
मोइत्रा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पैसे लेकर सवाल पूछने से संबंधित आरोपों को लेकर आचार समिति के समक्ष पेशी के दौरान उनके साथ ‘अनैतिक, अशोभनीय, पूर्वाग्रहपूर्ण’ व्यवहार किया गया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर ने मामले से संबंधित सवाल पूछने के बजाय, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक तरीके से उनसे सवाल करके पूर्वनिर्धारित पूर्वाग्रह प्रकट किया।
मोइत्रा ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पत्र में लिखा, ‘मैं आज बहुत व्यथित होकर आपको पत्र लिख रही हूं ताकि आपको आचार समिति की सुनवाई के दौरान समिति के अध्यक्ष द्वारा मेरे साथ किए गए अनैतिक, घृणित और पूर्वाग्रहपूर्ण व्यवहार के बारे में जानकारी दे सकूं। मुहावरे की भाषा में कहूं तो उन्होंने समिति के सभी सदस्यों की उपस्थिति में मेरा वस्त्रहरण किया।’
उन्होंने कहा, ‘समिति को खुद को आचार समिति के अलावा कोई और नाम देना चाहिए क्योंकि इसमें कोई आचार और नैतिकता नहीं बची है। विषय से संबंधित प्रश्न पूछने के बजाय, अध्यक्ष ने दुर्भावनापूर्ण और स्पष्ट रूप से अपमानजनक तरीके से मुझसे सवाल पूछकर पहले से तय पूर्वाग्रह का प्रदर्शन किया। इस दौरान उपस्थित 11 सदस्यों में से पांच ने उनके शर्मनाक आचरण के विरोध में बहिर्गमन करते हुए कार्यवाही का बहिष्कार किया।’