मालदीव से अपने सैनिकों को वापस बुलाने पर भारत हो सकता है राज़ी,उच्च स्तरीय समूह की वार्ता के दौरान भारत सैनिकों की वापसी के लिए तैयार !
यों तो भारत और मालदीव के बीच के संबंध बिगड़ने की शुरुआत तभी से हो गई थी, जब मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चुनाव के दौरान भारत विरोधी बातें किया करते थे। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप यात्रा को लेकर जब उनके तीन मंत्रियों ने अपमानजनक टिप्पणी की तो भारत और मालदीप के संबंध थोड़े और बिगड़ गए,
हालांकि बाद में मालदीव ने इन तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया था। फिर जो रही सही कसर थी वह मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपनी चीन की यात्रा से लौटकर यह कहकर पूरा कर दिया कि भारत 15 मार्च से पहले अपने सैनिकों को मालदीव से वापस बुला ले।
मालदीव से बिगड़े संबंध के बाद भारत अगले महीने होने वाले उच्च स्तरीय कुल समूह की वार्ता के दौरान भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए योजना पर चर्चा करने के लिए तैयार हो गया है। गौरतलब है कि इस समय मालदीव में भारत के दो एएलएच हेलीकॉप्टर,एक डोर्नियर और एक अपतटीय गश्ती जहाज तैनात है। इसके ऑपरेशन के लिए वहां भारतीय सैनिक भी मौजूद है, जिसे वापस लाने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति ने हाल ही में भारत सरकार से कहा है।