कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया का विदेश मंत्री एस जयशंकर को करारा जवाब, अगर आप मेरे ट्वीट से सकते में है तो फिर ऐसे व्यक्ति का नाम बता दें जो हमारे लोगों को सूडान से वापस लाने में मदद कर सके !
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया का विदेश मंत्री एस जयशंकर को करारा जवाब, अगर आप मेरे ट्वीट से सकते में है तो फिर ऐसे व्यक्ति का नाम बता दें जो हमारे लोगों को सूडान से वापस लाने में मदद कर सके !
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को उनकी इस बात के लिए सीधा जवाब दिया है कि “अगर आप सूडान में फंसे कर्नाटक के लोगों को निकालने के लिए किए गए मेरे ट्वीट से स्तब्ध हैं तो कृपया बता दें कि किससे संपर्क किया जाए।” सिद्धारमैया ने अपने ट्वीट की शुरुआत इस बात से की है कि चूंकि आप विदेश मंत्री हैं इसलिए मैंने आपसे मदद की अपील की थी। लेकिन अगर आप स्तब्ध होने में ही व्यस्त हैं तो फिर ऐसे व्यक्ति का नाम बता दें जो हमारे लोगों को वापस लाने में मदद कर सके।
Since you are the External Affairs Minister @DrSJaishankar I have appealed you for help.
If you are busy getting appalled please point us to the person who can help us bring our people back. https://t.co/B21Lndvxit
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) April 18, 2023
सिद्धारमैया ने यह बात विदेश मंत्री के उस ट्वीट के जवाब में कही है जिसमें एस जयशंकर ने सिद्धारमैया के ट्वीट के जवाब में कहा था कि “आपके ट्वीट से स्तब्ध हूं! वहां जिंदगियां दांव पर लगी हैं, इस पर राजनीति मत करिए। 14 अप्रैल को लड़ाई शुरू होने के बाद से खार्तूम में भारतीय दूतावास सूडान में ज्यादातर भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों के साथ लगातार संपर्क में है।”
उन्होंने आगे लिखा कि, “सुरक्षा कारणों से भारतीयों की डिटेल और लोकेशन सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। भीषण लड़ाई के कारण उनकी आवाजाही में रुकावट आ रही है।
उन्होंने सिद्धारमैया पर एक तरह से आरोप लगाया कि सूडान में फंसे भारतीयों की स्थिति का राजनीतिकरण करना काफी गैरजिम्मेदार रवैया है। विदेश में फंसे भारतीय की जान खतरे में होने से कोई राजनीतिक लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता।
ऐसा लगता है कि विदेश मंत्री कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के उन ट्वीट्स की सिरीज से चिढ़ गए जो उन्होंने किए थे। उन्होंने सूडान में कर्नाटक के एक आदिवासी समुदाय से संबंधित फंसे हुए लोगों को वापस लाने में केंद्र सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सूडान में हक्की पिक्की (जनजाति) के कुछ लोग पिछले कई दिनों से बिना भोजन के वहां फंसे हुए हैं। सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है।