गणतंत्र दिवस की परेड में गैर भाजपाई शासित राज्य दिल्ली, हिमाचल, तमिलनाडु के बाद अब कर्नाटक की झांकी को शामिल नहीं किये जाने पर बरसे -सिद्धारमैया
गणतंत्र दिवस की परेड में कर्नाटक की झांकी शामिल ना होने पर केंद्र पर बरसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ,मुख्यमंत्री ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने के आरोप लगाए। दरअसल इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में कर्नाटक की झांकी को शामिल नहीं किया गया है। इसे लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सीएम ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा कि केंद्र ने कर्नाटक की झांकी को इसलिए गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल नहीं किया है क्योंकि कर्नाटक में अभी कांग्रेस की सरकार है।
The Central Government has insulted the seven crore Kannadigas by denying the opportunity for the state's tableau at the Republic Day parade to be held in New Delhi on January 26th. Karnataka faced similar situation even last year as our state’s tableau was initially rejected.…
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) January 9, 2024
सिद्धारमैया की पोस्ट पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ‘यह प्रतिशोध का मोदी मंत्र है। वह अभी तक मई 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार को भूले नहीं हैं। वह असल में एक छोटे व्यक्ति हैं।’ सिद्धारमैया ने बताया कि इस साल कर्नाटक की झांकी में मैसूर के राजा नलवाडी कृष्णराजा वडियार के साथ, रानी लक्ष्मीबाई की तरह अंग्रेजों से लड़ने वाली रानी चेनम्मा और बेंगलूरू के संस्थापक नादप्रभु केम्पगौड़ा के जीवन को प्रदर्शित करने का प्रस्ताव था। सिद्धारमैया ने अपने पोस्ट में लिखा कि ‘केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की झांकी में कर्नाटक की झांकी को शामिल ना करके सात करोड़ कन्नड़ लोगों का अपमान किया है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘बीते साल भी कर्नाटक को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था, जब केंद्र सरकार ने शुरुआत में कर्नाटक की झांकी को शामिल करने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए झांकी को शामिल करने की मंजूरी दे दी थी। इस बार केंद्र सरकार ने फिर से कन्नड़ लोगों के अपमान का ट्रेंड जारी रखा है। कर्नाटक से झांकी के लिए कई प्रस्ताव भेजे गए थे लेकिन केंद्र सरकार ने सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया।’ सिद्धारमैया ने लिखा कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा कर्नाटक के सांसद भी इस अन्याय पर चुप हैं। वह नरेंद्र मोदी की कठपुतली बन गए हैं। वह किसके हितैषी हैं? कन्नड़ लोगों के या फिर नरेंद्र मोदी के?’