राष्ट्रीय

इलेक्टोरल बॉन्ड-केंद्र की मोदी सरकार ED के माध्यम से चला रही रंगदारी का काला धंधा ,ED जाकर छापे मारती और फिर इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से वसूली तय की जाती !

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द करने का आदेश दिया है,इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद जिसे एसबीआई ने चुनाव के बाद तक स्थगित करने के कई हफ़्तों के प्रयास के बाद कल रात सार्वजनिक किया से साफ़ हो गया है की केंद्र की मोदी सरकार के माध्यम से चला रही रंगदारी का काला धंधा ,जाकर छापे मारती और फिर इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से वसूली तय की जाती थी !

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा “एसबीआई द्वारा प्रदान किया गया डेटा अप्रैल 2019 से शुरू होता है, लेकिन एसबीआई ने मार्च 2018 में बांड की पहली किश्त बेची। इससे 2,500 करोड़ रुपए के बॉन्ड का डेटा गायब है। मार्च 2018 से अप्रैल 2019 तक इन गायब बांड्स का डेटा कहां है? उदाहरण के लिए, बांड की पहली किश्त में, भाजपा को 95% धनराशि मिली। भाजपा किसे बचाने की कोशिश कर रही है?

जैसे-जैसे इलेक्टोरल बांड डेटा का विश्लेषण आगे बढ़ेगा, भाजपा के भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामले स्पष्ट होते जाएंगे। हम यूनिक (विशिष्ट) बांड आईडी नंबरों की भी मांग करते रहेंगे, ताकि हम दाताओं का प्राप्तकर्ताओं से सटीक मिलान कर सकें।

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