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#INDIA गठबंधन से एक मेयर का चुनाव बिना धांधली के नहीं जीत पा रहे 2024 में क्या करेंगे ?चंडीगढ़ मेयर चुनाव में की गयी “लोकतंत्र की हत्या ” चुनाव में हुई धांधली पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी !

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में हुई धांधली के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी की है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने रिटर्निंग ऑफिसर की कारगुजारी का वीडियो देखकर कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है। हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे।

‘इंडिया’ गठबंधन के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कड़े शब्दों में कहा, “कृपया अपने रिटर्निंग अधिकारी को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट उन पर नज़र रख रहा है।” पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।


 

आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा पेनड्राइव में दिए गए सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद पीठ ने कहा: “यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या हो रही है। क्या यह एक रिटर्निंग अधिकारी का व्यवहार है, जो कैमरे की ओर देखता है और मतपत्र को विकृत करता है?” पीठ ने कहा, “यह स्पष्ट है कि उसने मतपत्रों को विकृत कर दिया। इस व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।”

सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का स्वागत करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक्स पर कहा, “चंडीगढ़ में जो कुछ हुआ, वह लोकतंत्र का मजाक है… हम स्तब्ध हैं। हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। मतपत्रों को विकृत करने वाले अधिकारी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट यह टिप्पणी दिखाती है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में किस तरह लोकतंत्र की हत्या की गई। भाजपा जनता की आवाज दबाने के लिए लोकतंत्र को कुचल रही है, यह अब देश की जनता के सामने है। जनता ही इसका उचित जवाब देगी।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा मेयर पद के लिए 30 जनवरी को हुए चुनाव परिणामों पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद आप और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। कुमार ने पीठासीन अधिकारी पर मतगणना प्रक्रिया में धोखाधड़ी और जालसाजी का सहारा लेने का आरोप लगाया है।

उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में उन्होंने अभ्यास और नियमों को पूरी तरह से छोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीठासीन अधिकारी ने पार्टियों के उम्मीदवारों को वोटों की गिनती की निगरानी करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नये सिरे से चुनाव कराने का अनुरोध किया।

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