राष्ट्रीय

केंद्र की मोदी सरकार के चौथे दौर की बातचीत भी बेनतीजा,क्या है किसानों की आगे की क्या रणनीति अब क्या करेंगे किसान ?

केंद्र की मोदी सरकार के साथ किसानों की चौथे दौर की बैठक भी बेनतीजा साबित हुई है। किसानों ने एमएसपी पर सरकार के द्वारा दिए प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। अब किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने की तैयारी में जुट गए हैं। किसान एक बार फिर 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच की कोशिश करेंगे, जिसका किसानों ने ऐलान भी कर दिया है।

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमारी सरकार से अपील है कि या तो हमारी मांगें मंजूर करे या फिर हमें दिल्ली जाने दे। पंढेर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान बैरिकेड तोड़ना नहीं चाहते, लेकिन कोई हमारी बात नहीं सुन रहा है। हम कोशिश कर रहे हैं कि किसी को नुकसान न पहुंचे। लेकिन यह बार सरकार नहीं सुन रही है।

बीकेयू (एकता सिधुपुर) के महासचिव काका सिंह कोटडा ने पंजाब के हर गांव से किसानों से मंगलवार तक खनौरी और शंभू बॉर्डर पर जमा होने की अपील की है। वहीं, तीन कृषि यूनियनों – पंजाब किसान यूनियन (बागी), सदा एका जिंदाबाद मोर्चा पंजाब और किसान मजदूर नौजवान एकता पंजाब ने भी खनौरी और शंभू बॉर्डर पर पहुंचकर किसान आंदोलन में शामिल होने और विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देने की बात कही है।

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