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किसान नेताओं ने MSP पर सरकार के प्रस्ताव को खारिज किया ! सरकार के साथ अब किसी बैठक की जरूरत नहीं है सरकार की नियत में खोट है-मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर !

केंद्र की मोदी सरकार के साथ किसानों की चौथे दौर की बैठक भी बेनतीजा साबित हुई है। किसानों ने एमएसपी पर सरकार के द्वारा दिए प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। अब किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने की तैयारी में जुट गए हैं।

किसान एक बार फिर 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच की कोशिश करेंगे, जिसका किसानों ने ऐलान भी कर दिया है।

भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि हमने अपने साथियों के साथ केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की। चर्चा के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि यह प्रस्ताव किसानों के हक में नहीं है। हम सभी 23 फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की अपनी मांग पर कायम हैं।

सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार के साथ अब किसी बैठक की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की नियत में खोट है। नियत साफ होती तो वह ऐसा नहीं करती। पंढेर ने कहा कि सरकार हमें जल्द बताए कि C2+50 का फॉर्मूले पर क्या कर रही है? मनरेगा मजदूरी पर क्या कर रही है? बैठक में मंत्री 3 घंटे देरी से आते हैं। इतना समय किसी के पास नहीं है। आंदोलन शांति से जीते जाते हैं, लेकिन सरकार चाहती है कि हम उग्र हों, लेकिन हम उग्र नहीं होंगे।

पंढेर ने कहा कि सरकार को अब फैसला लेना चाहिए। ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन बुधवार को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि हमें विरोध-प्रदर्शन की इजाजत मिलनी चाहिए। किसानों के लिए हरियाणा-पंजाब सीमाएं खोल देनी जानी चाहिए।

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