मध्यप्रदेश

भाजपा शासित MP के सरकारी स्कूलों में शिक्षा सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा, तीसरी क्लास के 75% से अधिक बच्चे अक्षर तक नहीं पहचान पाते !

भाजपा शासित MP के सरकारी स्कूलों में शिक्षा सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा, तीसरी क्लास के 75% से अधिक बच्चे अक्षर तक नहीं पहचान पाते !

भोपाल. कहने को तो सरकार शासकीय स्कूलों पर अरबों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 48 फीसदी बच्चे ही अक्षर पहचान पाते हैं। प्रदेश के 52 फीसदी बच्चे अक्षर नहीं पहचान पाते हैं। इतना हीं नहीं केवल 11 फीसदी बच्चे ही ठीक से शब्द पढ़ पाते हैं।

89 फीसदी बच्चे सही ढंग से शब्द नहीं पढ़ पाते हैं। प्रदेश के पहली से तीसरी तक के सरकारी स्कूलों की हकीकत राज्य शिक्षा केंद्र के सर्वे में ही सामने आई है। यह सर्वे रिपोर्ट शनिवार को राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा इंदर सिंह परमार की उपस्थिति में राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने जारी की। साथ ही संचालक धनराजू एस ने कहा कि यह सर्वे रिपोर्ट स्कूलों की पढ़ाई के हिसाब से खराब है, लेकिन यह सर्वे इसलिए करवाया गया कि इससे हर जिले में जमीनी स्तर पर सुधार किया जाएगा।

सर्वे में तथ्यों को बताते हुए संचालक धनराजू एस ने कहा कि बच्चों को चित्र दिखाकर पूछा गया, तो 82 फीसदी बच्चों ने उस पर रिएक्ट किया। जब इसी चित्र पर वाक्य बनाकर कहने के लिए कहा, तो 70 फीसदी बच्चों ने जबाव दिया। चित्र देखकर व्यक्त करने के लिए कहा, तो 68 फीसदी बच्चों ने जबाव दिया। अक्षर 48 फीसदी बच्चे ही पहचान सके। शब्द पढऩे में 11 फीसदी बच्चे ठीक निकले। वाक्य पढऩे वाले बच्चों की संख्या 16.05 रही। 23 फीसदी बच्चे ही कक्षा अनुसार पढऩे वाले निकले। 75 फीसदी बच्चों का कक्षा से लेवल नीचे था। गणित में अंक पहचाने वाले 86 फीसदी बच्चे थे। दो अंकों के पहचाने वाले बच्चे 20 फीसदी निकले। दो अंकों की तुलना करने वाले बच्चों की संख्या 76 फीसदी रही। जोडऩे में 56 फीसदी, घटाने में 37 फीसदी व जोडऩे-घटाने वाले बच्चों की संख्या 33 फीसदी रही। 29 फीसदी बच्चे ही समय देख पाए। संचालक धनराजू एस ने कहा कि वजन व पैसों को समझने में ग्रामीण बच्चों का लेवल बहुत ज्यादा था। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता कि स्थानीय परिवेश के अनुसार बच्चों को पढ़ाना ज्यादा लाभदायक होता है।

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