उत्तराखंड

CM योगी के गोरखपुर में इलाज के अभाव में गर्भवती महिला ने तोड़ा दम, इलाज बिना तड़प तड़प कर मरी गर्भवती महिला के पेट में थे जुड़वां बच्चे !

CM योगी के गोरखपुर में इलाज के अभाव में गर्भवती महिला ने तोड़ा दम, इलाज बिना तड़प तड़प कर मरी गर्भवती महिला के पेट में थे जुड़वां बच्चे !

जानकारी के अनुसार गर्भवती चंद्रा त्रिपाठी थी। उसे पति संदीप और भाई बृहस्पति त्रिपाठी लेकर बीआरडी पहुंचे थे। पहले उन्होंने सुपर स्पेशियलिटी में ओपीडी का पर्चा कटवाया। वहां इलाज नहीं मिला। फिर मेडिसिन में इलाज कराने के लिए दोबारा पर्चा कटवाने के लिए कतार में लगे रहे। इस दौरान पुराने ओपीडी के पास गर्भवती दर्द से कराहती रही। गर्भवती की मौत के बाद परिजन पुराने ओपीडी पर्चा काउंटर के पास हंगामा करने लगे।

उनके समर्थन में इलाज कराने पहुंचे दूसरे पेशेंट्स के तीमारदार जुट गए। विवाद बढ़ता देखकर कॉलेज प्रशासन बैकफुट पर आ गया। किसी ने मामले की सूचना पुलिस को दी। मेडिकल कॉलेज के चौकी इंचार्ज अतुल सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने परिजनों को समझाया। जिसके बाद परिजन केस दर्ज कराने से पीछे हट गए। गर्भवती की मौत के बाद बीआरडी प्रशासन की संवेदनशीलता जगी। बीआरडी प्रशासन ने एम्बुलेंस मुहैया कराया। जिसे परिजन बॉडी लेकर वापस गांव चले गए।

पति संदीप त्रिपाठी ने बताया कि पत्नी सात महीने की गर्भवती थी। गुरुवार की रात में सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके साथ ही उसके पेट में दर्द हो रहा था। पहले उसे लेकर सिद्धार्थनगर के जिला अस्पताल पहुंचे। वहां इलाज से आराम नहीं मिला। शुक्रवार के तड़के डॉक्टर्स ने गोरखपुर बीाअरडी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।

 

संदीप ने बताया कि सुबह सात बजे पत्नी को लेकर बीआरडी के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। पहले पेशेंट को मेडिसिन वार्ड में भेजा गया। जहां मौजूद डॉक्टर व कर्मचारियों ने हृदयरोग विभाग में इलाज कराने की सलाह दी। इसके बाद मेडिसिन वार्ड से कराहती गर्भवती को लेकर सुपर स्पेशियालिटी ब्लॉक में पहुंचे। यहां दो घंटे की कवायद के बाद ओपीडी पर्चा बना। कतार में लग कर डॉक्टर के पास पहुंचे।

 

हृदयरोग विभाग के डॉक्टर ने जांच कर बताया कि मामला मेडिसिन का है। इसे फौरन मेडिसिन विभाग के 14 नंबर वार्ड में ले जाओ। वार्ड में कर्मचारियों व डॉक्टर्स ने सीधे भर्ती करने से इनकार दिया। उन्होंने कहा कि ओपीडी का समय है। पर्चा बनवाकर डॉक्टर से लिख वालो, इसके लिए एक बार फिर ओपीडी की कतार में लगा। इसी दौरान पत्नी की मौत हो गई।

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