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SC ने भी नहीं मानी NIA की दलील, सुप्रीम कोर्ट की NIA को गौतम नवलखा मामले में कड़ी फटकार, 24 घंटे के अंदर गौतम नवलखा मामले में जारी आदेश पर करें अमल !

SC ने भी नहीं मानी NIA की दलील, सुप्रीम कोर्ट की NIA को गौतम नवलखा मामले में कड़ी फटकार, 24 घंटे के अंदर गौतम नवलखा मामले में जारी आदेश पर करें अमल !

शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी एनआईए को सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा मामले में फटकार लगाई है।सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को नवी मुंबई की तलोजा जेल से स्थानांतरित करके 24 घंटे के अंदर घर में नजरबंद करने का आदेश दिया.

शीर्ष अदालत ने इससे पहले नवलखा को घर में नजरबंदी के लिए भेजने की अनुमति देने के आदेश को वापस लेने की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की याचिका खारिज कर दी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आदेश वापस नहीं लेंगे, लेकिन दोनों पक्षों को सुनने के बाद हम कुछ और एहतियाती उपाय करने को कह रहे हैं।

एनआईए की ओर से अदालत में पेश तुषार मेहता ने कहा कि तथ्य काफी चौंकाने वाले हैं। सब मान रहे थे कि नवलखा का स्वास्थ्य खराब है। उन्होंने कई अस्पतालों में जाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद वो जसलोक अस्पताल गए, जहां उन्होंने एक वरिष्ठ डॉक्टर से अपने रिश्ते छिपाए। इस पर जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि यह सब दलीलें पहले हो चुकी हैं। यह मामला ऐसा नहीं है कि आपको दलीलें देने का मौका नहीं मिला। पूरी तरह सुनवाई हुई थी। अब क्या पुनर्विचार चाहते हैं? इस पर मेहता ने कहा कि भारी दिल से कह रहे हैं, जेलों में उनके जैसे और भी कैदी हैं। उनको इस तरह हाउस अरेस्ट में नहीं रखा जा सकता। मेडिकल रिपोर्ट देने वाले डॉक्टर नवलखा के रिश्तेदार हैं। इसके अलावा जो भवन नवलखा की नजरबंदी के लिए तय किया गया है वो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का दफ्तर है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि तो क्या हुआ। जोसेफ ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी देश की मान्यता प्राप्त पार्टी है। इस पर मेहता ने कहा कि क्या आपकी अंतरात्मा इसे सही मानती है। इस पर जस्टिस जोसेफ ने कहा कि हां मुझे इसमें कोई गड़बड़ नहीं दिखती। मेहता ने कहा कि हमें इसमें गड़बड़ी लगी इसलिए मैंने कोर्ट के सामने यह तथ्य रखा। दरअसल, इस मामले में का कहना था कि तथ्यों को जानबूझकर छिपाया गया। कानूनी प्रक्रिया दुरुपयोग किया गया। इसके अलावा एक्टिविस्ट की मेडिकल रिपोर्ट के संबंध में पक्षपात हुआ।

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