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ना खाता ना बही जो मोदी कहे वो सही ?मोदी सरकार ने पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक में भारत को सबसे फिसड्डी बताने वाली रिपोर्ट को ठुकराया !

ना खाता ना बही जो मोदी कहे वो सही ?मोदी सरकार ने पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक में भारत को सबसे फिसड्डी बताने वाली रिपोर्ट को ठुकराया !

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (ईपीआइ)-2022 में भारत को 180 देशों की सूची में सबसे नीचे रखने को सिरे से खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार का कहना है कि इसमें कई संकेतकों का बेवजह सामान्यीकरण किया गया है और इसके नतीजे अवैज्ञानिक और अनुमानों पर आधारित हैं।

 

मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी करके कहा कि पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (ईपीआइ)-2022 में अनुमानों पर आधारित संकेतक हैं। पर्यावरण नीति का मकसद परखने के लिए एक नए संकेतक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें जीएचजी उत्सर्जन स्तर को 2050 तक ले जाने का उद्देश्य है। उत्सर्जन की औसत दर पिछले दस सालों के आधार पर निर्धारित की जा रही है।

ईपीआइ 11 श्रेणियों में 40 प्रदर्शन संकेतकों का उपयोग करके 180 देशों को जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन, पर्यावरणीय स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिति के आधार पर अंक देता है।

 

‘येल सेंटर फार एनवायर्नमेंटल ला एंड पालिसी’ और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ‘सेंटर फार इंटरनेशनल अर्थ साइंस इंफार्मेशन नेटवर्क’ द्वारा हाल में प्रकाशित 2022 पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (ईपीआइ) में भारत को सबसे नीचे और डेनमार्क को सबसे ऊपर रखा गया है। दूसरे व तीसरे नंबर पर ब्रिटेन और फिनलैंड को स्थान मिला है। 

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