राष्ट्रीय

मोदी को ना रिकॉर्डतोड़ महंगाई की चिंता ना ही आम आदमी के लिए राहत देने का कोई प्लान, मुद्रास्फीति 8 साल के सर्वोच्च स्तर 7.79% पर, खाने पीने के सामान ने निकाला दम !

ज्ञानवापी नहीं आम आदमी की खाली थाली है असली मुद्दा !

महंगाई से आम आदमी तो पहले ही परेशान है, वहीं मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़े सरकार और रिजर्व बैंक के पसीने छुटा सकते हैं। खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में सालाना आधार पर बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई, जो आठ साल का सबसे ऊंचा स्तर है।


 

 

खाने की चीजों की लगातार बढ़ती कीमतों के चलते खुदरा महंगाई अप्रैल सालाना आधार पर अपने आठ साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंची. अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर 7.79% रही. यह लगातार चौथा महीना है जब यह RBI की तय सीमा से ऊपर है. मार्च 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.95% और अप्रैल 2021 में यह 4.23% पर थी.

खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी, और यह रिजर्व बैंक के लक्ष्य की ऊपरी सीमा से लगातार चौथे महीने ऊपर रही है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पर आने वाले दिनों में ब्याज दरों को और बढ़ाने का दबाव बढ़ जाएगा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई इस साल मार्च में 6.95 फीसदी और अप्रैल, 2021 में 4.23 प्रतिशत थी।

 

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