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Bhai Dooj: आज है भाई दूज; जानें पूजा व तिलक का कब है शुभ मुहूर्त,और बहनों द्वारा अपने भाई को दिए जाने वाले नारियल के गोले महत्व !

हिंदू धर्मग्रंथों में हर त्योहार का अपना-अपना महत्व होता है। पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का समापन भाई दूज के साथ होता है। भाई दूज पर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सफल जीवन के लिए व्रत भी रखती हैं। साथ ही इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाकर उनसे तिलक करवाते हैं और उन्हें भेंट देते हैं। भाई दूज पर बहनों द्वारा अपने भाई को दिए जाने वाले नारियल के गोले का भी विशेष महत्व है जानिए कैसे।

 

भाई दूज की कथा

भाई दूज की कथा यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ी हुई है। पौराणिक कथा के अनुसार जब यमुना ने यमराज को अपने घर आमंत्रित किया तो यमराज पहले को चिंता में पड़ गए, लेकिन बाद में उन्होंने इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया। बहन के आदर सत्कार से यमराज बहुत ही प्रसन्न हुए। अपने भाई को विदा करते समय बहन यमुना ने उन्हें नारियल का गोला भेंट किया। जब यमराज ने इस ने इसका कारण पूछा तो यमुना ने कहा, “यह नारियल आपको मेरी याद दिलाता रहेगा”। माना जाता है कि इसी का बाद से यह परम्परा चली आ रही है।

भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 15 नवंबर को है। इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र और सफल जीवन के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार के कुछ नियम होते हैं। इन नियमों का पालन करने से हर कार्य में शुभ फल मिलता है।

शास्त्र कहते हैं कि यदि कोई कार्य शुभ समय में किया जाए तो शुभ फल मिलता है। इसी तरह अगर आप अपने भाई की लंबी उम्र की कामना कर रहे हैं और तिलक कर रहे हैं तो शुभ मुहूर्त में ही करें। भाई दूज पर शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से 3 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाइयों का तिलक कर सकती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भाई दूज पर बहनें भाइयों की लंबी उम्र, समृद्धि और जीवन के हर प्रयास में सफलता की कामना करती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तिलक करते समय अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो ये भाई की तरक्की के रास्ते हैं। इस साल तिथि में उतार-चढ़ाव के कारण भाई दूज दिवाली के छठे दिन मनाया जा रहा है।

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