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हिंदू मुस्लिम एकता की नई मिसाल बना चंद्रयान मिशन, मिशन की सफलता में शामिल रहे यूपी के मुजफ्फरनगर के दो वैज्ञानिक भी रहे सहयोगी !

हिंदू मुस्लिम एकता की नई मिसाल बना चंद्रयान मिशन, मिशन की सफलता में शामिल रहे यूपी के मुजफ्फरनगर के दो वैज्ञानिक भी रहे सहयोगी !

मुज़फ्फरनगर /इटावा/ फिरोजाबाद- चंद्रमा पर भेजे गये देश के महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान 03 की सफल लैंडिंग सुनिश्चित करने वाली विभिन्न वैज्ञानिकों की टीम में उत्तर प्रदेश के कई वैज्ञानिक शामिल रहे है जिनमे मुज़फ्फरनगर की युवती और युवक भी शामिल है।

मुजफ्फरनगर शहर के अवध विहार निवासी जैन कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. कंचन प्रभा शुक्ला की बेटी शितीशा भी चंद्रयान-3 का हिस्सा रहीं। इसरो में 2017 से कार्यरत शितीशा चंद्रयान-2 और गगनयान मिशन की इलेक्ट्रॉनिक्स विशेषज्ञ टीम में रहीं है। उनकी टीम ने लैंडर का निर्माण किया।  विकास भवन में जिला ग्राम्य  विकास

अभिकरण में बतौर प्रोग्रामर कार्यरत शरद वाजपेई उनके पिता हैं। बहन श्रेयसी वाजपेई एयर अथारिटी ऑफ इंडिया में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के पद पर कार्यरत हैं।जवाहर नवोदय विद्यालय बघरा की छात्रा रहीं शितीशा ने मदन मोहन मालवीय कॉलेज गोरखपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

खतौली के मोहल्ला मिट्ठू लाल निवासी अरीब अहमद श्रीहरिकोटा में इसरो के इंजीनियर सेक्शन में वैज्ञानिक हैं। उनके सेक्शन में ही चंद्रयान-3 की जांच हुई थी। अरीब के मामा और मुज़फ्फरनगर के समाजसेवी असद फारूखी बताते हैं कि परिवार को बस उस एक पल का इंतजार था । चंद्रयान का चांद पर उतरना हमारे लिए सबसे बड़ी बात रही । पिता काजी

महताब जिया समेत सभी परिजनों और मौहल्ले वालों ने जमकर खुशियां मनाई। वर्ष 2021 से अरीब इसरो में नौकरी कर रहे हैं। गोल्डन हार्ट एकेडमी से पढ़ाई करने के बाद भारतीय खाद्य निगम में नौकरी की और यहीं रहते हुए दूसरी नौकरी की तैयारी की। यहीं से इसरो में चयन हुआ था।

मिशन चंद्रयान 3 के सदस्य अंकुर गुप्ता के इटावा स्थित आवास पर भी  जश्न का माहौल है और जिले के लोग ऐतिहासिक उपलब्धि को पटाखे फोड कर और भारत माता की जय के नारे के साथ मना रहे थे ।
जिले के बसरेहर कस्बे के साइंटिस्ट अंकुर गुप्ता चंद्रयान-3 की लैंडिंग टीम का एक बड़ा हिस्सा है। शाम छह बजे के आसपास जैसे ही चंद्रयान ने चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की वैसे ही इटावा जिले के बसरेहर कस्बे में साइंटिस्ट अंकुर गुप्ता के घर जशन का माहौल शुरू हो गया । खुशी में हर और तिरंगा को हाथ में लेकर के आतिशबाजी चलाई जाने शुरू कर दी गई लोग एक दूसरे को मिठाईयां खिलाने में जुट गए।
साइंटिस्ट अंकुर गुप्ता को यह कामयाबी पहली बार नहीं मिल रही है इससे पहले भी अंकुर गुप्ता साल 2012 में मंगलयान की सफल लैंडिंग का एक बड़ा हिस्सा बन चुके है। मंगलयान की सफल लैंडिंग के समय भी अंकुर गुप्ता को लेकर के उनके गृह नगर बसरेहर में भारी खुशी देखी जा चुकी है।

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