सदन में मोदी का कोरा झूठ ! क्यों मिज़ो उग्रवादियों के समर्थन में हैं मोदी जी ? क्या PMO में अब किसी को इतिहास का कोई ज्ञान नहीं ? क्या मोदी जी किसी की सुनते नहीं हैं ? जानिये मोदी की झूठ का सच !
सदन में मोदी का कोरा झूठ ! क्यों मिज़ो उग्रवादियों के समर्थन में हैं मोदी जी ? क्या PMO में अब किसी को इतिहास का कोई ज्ञान नहीं ? क्या मोदी जी किसी की सुनते नहीं हैं ? जानिये मोदी की झूठ का सच !
लोकसभा में गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम पर इंदिरा गांधी सरकार द्वारा की गई बमबारी की चर्चा की है। इसके साथ ही वायुसेना के उस हमले की चर्चा देश भर में होनो लगी है।
पीएम मोदी ने संसद में कहा कि 5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय लोगों पर वायुसेना से हमला करवाया था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मिजोरम के लोग भारत के नागरिक नहीं थे? प्रधानमंत्री ने कहा कि वहां के निर्दोष नागरिकों पर कांग्रेस ने हमला करवाया था। आज भी पांच मार्च को पूरा मिजोरम शोक मनाता है। कांग्रेस ने इस सच को छिपाया, कभी घाव भरने की कोशिश नहीं की। उस वक्त इंदिरा गांधी पीएम थीं।
इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनती हैं। अभी इंदिरा सत्ता संभाले चार दिन ही हुए थे कि 28 फरवरी 1966 को मिजो नेशनल फ्रंट के उग्रवादियों ने भारतीय सुरक्षाबलों पर भीषण हमला करना शुरु कर दिया। उन्होंने भारतीय सुरक्षाबलों को मिजोरम से बाहर निकालने के लिए ‘ऑपरेशन जेरिको’ शुरू कर दिया। उन्होंने अपने हमलों से भारतीय सेना और भारत सरकार को बड़ी चुनौती दे दी थी। उग्रवादियों ने आइजोल और लुंगलाई में असम राइफल्स की छावनियों पर जबरदस्त हमला किया।
मिजो उग्रवादी इतने ताकतवर हो गए थे कि उन्होंने एक मार्च 1966 को असम राइफल के मुख्यालय पर कब्जा कर तिरंगा झंडे को उतार दिया और अपने झंडे को फहरा दिया।
इंदिरा गांधी के आदेश पर मिजो हिल्स की रक्षा के लिए भारतीय वायु सेना के चार लड़ाकू विमानों ने 5 मार्च 1966 को असम के तेजपुर, कुंबीग्राम और जोरहाट से उड़ान भरी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन लड़ाकू विमानों ने आइजोल में मिजो नेशनल फ्रंट के उग्रवादियों पर मशीनगन से गोलीबारी और बमबारी की थी। करीब एक सप्ताह तक चली इस कार्रवाई ने मिजो उग्रवादियों की कमर तोड़ दी।
इंदिरा गांधी ने इस मौके पर सही फैसला लेकर उग्रवादियों का सफाया किया और देश को टूटने से बचाया।
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