खास रिपोर्ट

मोदी सरकार के एक और घिनौने षड्यंत्र का पर्दाफाश #NIA के पास भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद मामले में ‘आतंकवादी कार्य’ का पत्रकार गौतम नवलखा के खिलाफ कोई सबूत नहीं,कोर्ट ने दी जमानत !

महाराष्ट्र। एल्गार परिषद और भीमा कोरेगांव पुणे से जुड़े 2018 हिंसा मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा को जमानत दे दी है। कोर्ट द्वारा आदेश पर 3 हफ्ते के लिए रोक लगाई गई है ताकि अगर एनआईए चाहे तो सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील कर सके। जस्टिस एएस गडकरी ने नेतृत्व वाली खंडपीठ ने यह जमानत याचिका स्वीकार की है। NIA द्वारा इस आदेश पर 6 हफ्ते के लिए रोक लगाने की अपील की गई थी लेकिन कोर्ट ने सिर्फ तीन हफ्ते के लिए रोक लगाईं है।

एल्गार परिषद और भीमा कोरेगांव पुणे 2018 हिंसा मामले में जमानत पाने वाले गौतम नवलखा सातवें आरोपी हैं। गौतम नवलखा को न्यायालय द्वारा एक लाख के मुचलके पर जमानत दी गई है। पिछले साल उच्च न्यायालय ने गौतम नवलखा को घर में नजरबन्द करने की अनुमति दी थी। गौतम नवलखा ने विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। विशेष अदालत ने गौतम नवलखा को जमानत देने से इंकार कर दिया था।

यह मामला पुणे में एल्गार परिषद सम्मलेन में दिए गए भड़काऊ भाषण से सम्बंधित है। पुलिस द्वारा आरोप लगाया गया था कि, के बाद कई जगह हिंसा की घटना हुई थी। 16 आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिनमें से आनंद तेलतुंबडे, वकील सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंसाल्वेस, अरुण फेरिरा और महेश राउत नियमित जमानत पर बाहर हैं, जबकि कवि वरवरा राव को स्वास्थ्य आधार पर जमानत मिली थी।

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