राष्ट्रीय

महिला आरक्षण पर केंद्र की मोदी सरकार के महिलाओं के साथ ‘विश्वासघात’ को बेनकाब करेगी कांग्रेस, देश के 21 शहरों में कांग्रेस की महिला नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।

महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण देने वाला बिल बीते सप्ताह संसद के दोनों सदनों से पास हो गया। लेकिन इस बिल के दो अहम प्रावधानों के चलते यह अगले कई सालों तक लागू नहीं हो सकेगा। इसके अलावा इस बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

संसद के दोनों सदनों में इस बिल पर हुई बहस के दौरान हालांकि इस बिल को सभी विपक्षी दलों ने समर्थन तो दिया, लेकिन अपनी आपत्तियां भी सामने रखी थीं। विपक्षी दलों ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर एतराज जताते हुए सवाल उठाए थे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस दावे के साथ कि महिला आरक्षण के विधेयक की शुरुआत उसने की थी, अपने एतराजों के बीच इस बिल पर सहमति दी थी। लेकिन कहा था कि वे संसद के अंदर और संसद के बाहर इस बिल की आपत्तियों को उठाती रहेगी।

अब विरोध के क्रम में कांग्रेस आज यानी सोमवार को देश के 21 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। इसमें कांग्रेस की 21 महिला नेता महिला आरक्षण के मुद्दे पर ‘मोदी सरकार को बेनकाब’ करेंगी।

कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने विरोध के इस तरीके के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 21 महिला नेताओं द्वारा 21 शहरों में प्रेस कान्फ्रेंस की जाएगी। उन्होंने इस बाबत एक्स पर एक पोस्ट भी की। उन्होंने लिखा कि इसका एजेंडा- महिला आरक्षण के नाम पर मोदी सरकार के विश्वासघात को उजागर करना है।


 

पवन खेड़ा ने जो शिड्यूल जारी किया है उसके मुताबिक सांसद रजनी पाटिल अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी, वहीं महिला कांग्रेस प्रमुख नेट्टा डिसूजा हैदराबाद में और रंजीत रंजन भुवनेश्वर में, अलका लांबा जयपुर में, अमी याग्निक मुंबई में, रागिनी नायक रांची में और शमा मोहम्मद श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। इसके अलावा सुप्रिया श्रीनेत लखनऊ में, आराधना मिश्री मोना कोलकाता में और अमि याज्ञनिक मुंबई में प्रेस को संबोधित करेंगी।

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